जेल से बाहर निकलने के बाद बोले लक्ष्मीकांत शर्मा- व्यापमं का नहीं कोई आरएसएस कनेक्शन
भोपाल. मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाले के सबसे बड़े आरोपी और पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का कहना है कि आरएसएस का व्यापमं घोटाले से कोई लेना देना नहीं है. फिर भी संघ का नाम जोड़ा जा रहा है, जिसकी जांच होनी चाहिए.
दरअसल, कुछ समय पहले व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने व्यापमं घोटाले में संघ के भी कुछ लोगों के नाम लिए थे और बाकी के नामों का खुलासा सीबीआई के सामने करने की बात कही थी. जिसके बाद आरएसएस के कई कार्यकर्ता संदेह के घेरे में आ गए. इस बारे में जब लक्ष्मीकांत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये आरोप गलत हैं.
उन्होंने कहा कि उनके मंत्री रहते हुए संघ ने कभी उनसे कोई सिफारिश नहीं की. आरएसएस प्रमुख रहे स्व. के. सुदर्शन ने भी उनके सामने कभी कोई मांग नहीं रखी.
उन्होंने दो बार सिफारिश की भी थी तो वो व्यापमं के लिए न होकर समाज की भलाई के लिए थी. लक्ष्मीकांत ने बताया कि के. सुदर्शन ने एक बार उनसे हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की बात कही थी और दूसरी बार प्रदेश में पड़े सूखे के दौरान बारिश के लिए परजन्य यज्ञ कराने के लिए एक पंडित का नाम सुझाया था.
इन दो सिफारिशों के अलावा उन्होंने न तो कभी कोई और मांग रखी और न ही किसी तरह से दखल देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से संघ का नाम इस घोटाले में घसीटा जा रहा है वो गलत है. इस मामले में जांच की जानी चाहिए.
व्यापमं से एक चाय का रिश्ता
मीडिया से बात करते हुए लक्ष्मीकांत शर्मा ने व्यापमं घोटाले मामले में अपना पक्ष भी रखा. उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यापमं से कभी एक रुपया तक नहीं लिया. व्यापमं के एक कार्यक्रम में चाय जरूर पी थी, इससे ज्यादा उन्होंने व्यापमं से कभी कुछ नहीं लिया.