दस्तक टाइम्स/एजेंसी: अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बाल जाली बाल दीक्षा गजट मामले में आरोपी जैनाचार्य कीर्तियशसूरीश्वर महाराज से कहा कि ‘जैनाचार्य होते हुए भी वे कानून से बंधे हैं। उन्हें कानून का पालन करना चाहिए। यह नहीं भूलना चाहिए वे केस में एक आरोपी हैं।’
जज जेबी पारडीवाला की कोर्ट ने कहा कि जैनाचार्य ने तीन महीने तक ट्रायल नहीं चलाने के लिए मोहलत मांगी है। वजह बताई है कि वे कोलकाता में हैं और वहां से पैदल चलते हुए गुजरात आने में उन्हें 3 महीने का समय लग सकता है। जैनाचार्य को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे इस केस में आरोपी हैं। ट्रायल कोर्ट के कानून के दायरे में आते हैं। यदि वे हाजिर न हुए तो कोर्ट उचित कानूनी कार्रवाई कर सकती है। आरोपी के खिलाफ जमानती अथवा गैरजमानती वारंट जारी कर कोर्ट के समक्ष रूबरू हाजिर करवा सकती है। हाईकोर्ट ने जैनाचार्य के वकील की अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
जज जेबी पारडीवाला की कोर्ट ने कहा कि जैनाचार्य ने तीन महीने तक ट्रायल नहीं चलाने के लिए मोहलत मांगी है। वजह बताई है कि वे कोलकाता में हैं और वहां से पैदल चलते हुए गुजरात आने में उन्हें 3 महीने का समय लग सकता है। जैनाचार्य को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे इस केस में आरोपी हैं। ट्रायल कोर्ट के कानून के दायरे में आते हैं। यदि वे हाजिर न हुए तो कोर्ट उचित कानूनी कार्रवाई कर सकती है। आरोपी के खिलाफ जमानती अथवा गैरजमानती वारंट जारी कर कोर्ट के समक्ष रूबरू हाजिर करवा सकती है। हाईकोर्ट ने जैनाचार्य के वकील की अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।