अन्तर्राष्ट्रीय

जॉनसन एंड जॉनसन पर लगा 41 अरब रुपये का जुर्माना, 18 साल में हुई 4 लाख लोगों की मौत

अमेरिका की एक अदालत ने दिग्गज हेल्थ केयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर 57.20 करोड़ डॉलर (करीब 41 अरब रुपये) का जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने यह जुर्माना नशीली दवाओं के इस्तेमाल से जुड़े ओपॉयड संकट मामले में लगाया है। अफीम से बनने वाली दर्द निवारक दवाओं को ओपॉयड कहा जाता है, लेकिन कुछ लोग इसका नशे के लिए प्रयोग करते हैं। अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी के अनुसार, देश में ओपॉयड के चलते 1999 से 2017 के दौरान करीब चार लाख लोगों की मौत हुई। ओकलाहोमा की क्लेवलैंड काउंटी की जिला अदालत के जज थाड बाकमैन ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने जानबूझकर ओपॉयड के खतरे को नजरअंदाज किया और अपने फायदे के लिए डॉक्टरों को नशीली दर्द निवारक दवाएं लिखने के लिए अपने पक्ष में किया।

जज ने राज्य सरकार की ओर से ओपॉयड पीड़ितों के इलाज के लिए मांगी गई राशि के मुकाबले जॉनसन एंड जॉनसन को काफी कम भुगतान करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने 17 अरब डॉलर की मांग की थी।

जज ने कहा, ‘जॉनसन एंड जॉनसन ने राज्य के कानून का उल्लंघन किया। कंपनी की गलत, भ्रामक और खतरनाक मार्केटिंग के कारण तेजी से नशे की लत बढ़ी और ओवरडोज से मौत के मामले सामने आए। राज्य के प्रमुख अटार्नी ब्रॉड बैकवर्थ ने कहा, ‘हमने यह साबित किया कि इस ओपॉयड संकट का मूल कारण जॉनसन एंड जॉनसन है। इसने 20 साल के दौरान इससे अरबों डॉलर की कमाई की।’

इस फैसले पर जॉनसन एंड जॉनसन की महिला वकील ने कहा कि हमारे पास अपील करने का मजबूत आधार है और हम इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे। इस फैसले पर ओपॉयड दवा बनाने वाली करीब दो दर्जन कंपनियों की नजर थी, क्योंकि इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों, वितरकों और विक्रेताओं पर अमेरिका में इसी तरह के करीब 2500 मुकदमे चल रहे हैं।

60 फीसदी मादक दवाओं की सप्लाई
तस्मानिया में अफीम की खेती करने वाले लोगों से करार करने वाली जॉनसन एंड जॉनसन करीब 60 फीसदी मादक पदार्थों की सप्लाई करती थी। इसके इस्तेमाल से दवा बनाने वाली कंपनियां ऑक्सीकोडोन जैसी ओपॉयड दवाएं बनाती थीं। जॉनसन एंड जॉनसन की सहयोगी कंपनी जानसेन फार्मास्यूटिकल्स अपनी खुद की ओपॉयड दवा बनाने लगी थी। इस गोली का अधिकार 2015 में बेच दिया गया था।

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