जो इन्सान ये 5 बातें नहीं समझता, वह जरूर पछताता है
1- महान आविष्कार और सिद्धांत कल्पना की पाठशाला में ही तैयार होते हैं। कार्य की सफलता के लिए स्पष्ट कल्पना का होना सबसे ज्यादा जरूरी है। यह जीवन को आकार देती है। कल्पना के साथ जीवन की दिशा का ज्ञान होना चाहिए। बिना इसके जीवन तथा कटी हुई पतंग में बहुत अंतर नहीं रह जाता।
2- समाधान तलाशने वाले को प्रकृति संकेत देती है। उन्हें समझने वाला उसके अनुसार निर्णय लेता है और जीवन को आकार देता है। सूक्ष्म जगत उचित समय पर हमें उपयुक्त संकेत भेजता है। ये संकेत समुद्र में लाइट हाउस की तरह हैं जो अंधेरे में जहाजियों की मदद करते हैं।
3- जब कल्पना को साकार करने का गुर हाथ लग जाता है तब कोई कल्पना अधूरी नहीं रहती और हर समस्या के समाधान का गुरुमंत्र मिल जाता है। कल्पना से यथार्थ की जो यात्रा होती है, वह पूरी हो तो कल्पना यथार्थ में बदल जाती है।
4- विवेक के अभाव में ज्ञान कई समस्याएं उत्पन्न कर देता है। इसी का प्रभाव है कि हम कुशल डाॅक्टर, वैज्ञानिक और प्रशासक आदि तो तैयार कर सकते हैं, परंतु व्यक्तित्व निर्माण में अधिक सफल नहीं हो सके। बिना विवेक के ज्ञान स्वयं बहुत बड़ी समस्या साबित हो सकता है।
5- समय का रथ निरंतर अबाध गति से चल रहा है। यह कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। यह हर रोज अपने मार्ग पर चलता है और अलग-अलग अनुभवों के पड़ाव से गुजरता है। यह नहीं हो सकता कि हमेशा दुखों की रात रहे है और प्रसन्नता का सूर्योदय कभी न हो। दोनों ही क्षण जीवन में आते हैं।