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जो लड़की सगाई के बाद रख रहीं हैं करवाचौथ का व्रत, वो इस विधि से करें पूजा

सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत सबसे महत्वपूर्व व्रतों में से एक माना जाता है लेकिन सवाल यह पैदा होता है जिन लड़कियों की सगाई हो गई है वह करवाचौथ का व्रत रख सकती है या नहीं…? ऐसे में अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसका जवाब, जी दरअसल जिन लड़कियों की सगाई हो गई है वह भी करवाचौथ का व्रत रख सकती हैं लेकिन उनके लिए पूजा विधि अलग होती है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.

इस बार करवाचौथ का व्रत 17 अक्टूबर को है. ऐसे में कुंवारी लड़कियां और ऐसी लड़कियां जिनका विवाह तय हो गया है, वे भी करवा चौथ का व्रत करती हैं और अविवाहित लड़कियों को भी व्रत का पालन सामान्य नियामनुसार ही करना होता है लेकिन व्रत में पूजा से संबंधित कुछ नियम इनके लिए बदल जाते हैं, जो इनके व्रत को विवाहित महिलाओं के व्रत से अलग करते हैं. तो आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में.

करवाचौथ का व्रत कुंवारी लड़कियां निराहार रह सकती हैं लेकिन उन्हें निर्जल व्रत रखने की जरूरत नहीं है। वहीं वह शादी के बाद ही निर्जल व्रत रखें, क्योंकि आपकी शादी नहीं हुई है इसलिए आपके लिए ना तो सरगी होगी और ना ही आप बायना निकालेंगी. इसी के साथ कुंवारी लड़कियां केवल करवा चौथ माता, भगवान शिव और माता गौरी की पूजा करें और उनकी कथा सुनें. इसी के साथ शास्त्रों के अनुसार, कुंवारी लड़कियों को चांद देखकर व्रत नहीं खोलना चाहिए, वह तारे देखकर व्रत का समापन कर सकती हैं.

इसी के साथ उन्हें चलनी का प्रयोग करने की भी जरूरत नहीं है और वह बिना चलनी के तारों को जल से अर्घ्य देकर पूजा करें और व्रत खोल दें. जी दरअसल चांद को देखकर व्रत पूर्ण करने का नियम केवल सुहागन स्त्रियों के लिए है और इस संदर्भ में वराह पुराण में द्रोपदी की एक कथा भी है. इसी के साथ करवा चौथ व्रत अविवाहित लड़कियां मनोवांछित पति की प्राप्ति के लिए करती हैं और अगर आपकी शादी तय हो गई है तब आप चांद देखकर अपने मंगेतर की फोटो देखकर व्रत खोल सकती हैं।

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