जीवनशैली

ज्यादा अफेयर से रिश्तों में बढ़ती है ईमानदारी

444870कहते हैं जोड़ियां ऊपर से बनती हैं। जोड़ियां यानी जीवन साथियों के जोड़े। मगर क्या जरूरी है कि प्यार सिर्फ एक से हो? जिंदगी सिर्फ एक के साथ बिताई जाए? कुदरती नियम भी इसके खिलाफ है कि सिर्फ एक से रिश्ता हो। लेकिन कमोबेश हर देश में एक ही जीवनसाथी के साथ जिंदगी बिताने को अच्छा माना जाता है।

हालांकि हर समाज में आपको रिश्तों में छल देखने को मिलेगा। लोग एक साथी से संतुष्ट नहीं होते। होते भी हैं तो नए तजुर्बे की नीयत से दूसरा साथी तलाश लेते हैं। बेवफाई, अफेयर आम है। तो, ऐसा क्यों न हो कि एक साथ कई लोगों से मुहब्बत का रिश्ता रखा जाए। इससे कम से कम रिश्तों में ईमानदारी तो रहेगी।

ब्रिटेन के रहने वाले फ्रैंकलिन व्यू ऐसे ही शख्स हैं। वो बताते हैं कि बचपन में उनकी स्कूल टीचर एक राजकुमारी का किस्सा सुनाती थीं, जिसके दो प्रेमी थे और उसे दोनों में से एक को चुनना था। तभी फ्रैंकलिन सोचते थे कि राजकुमारी को आखिर एक को ही क्यों चुनना है? वो दोनों के साथ राजी-खुशी क्यों नहीं रह लेती।

शायद ये फ्रैंकलिन के किरदार का शुरुआती संकेत था। वो अपनी जिंदगी में कभी भी एक वक्त में एक साथी के साथ नहीं रहे। अपनी पहली डेट पर वो दो लड़कियों को एक साथ लेकर गए थे। पहली बार जब उन्होंने सेक्स किया तो तीन साथी थे।

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