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नई दिल्ली । बहुत ज्यादा सावधान रहना आपको खतरों से बचा तो सकता है, पर जरूरी नहीं कि आपके स्वास्थ के लिये भी हितकर हो। एक नये अध्ययन में व्यव्ति के सावधानीपूर्ण रवैये और पार्किन्सन की बीमारी के बीच एक संबंध पाया गया है। एक शोध में पाया गया है कि पार्किन्सन से पीड़ित लोग ज्यादा सावधानी बरतते हैं और खतरे मोल नहीं लेते। शोध में पाया गया है कि पार्किन्सन से पीड़ित होने वाले लोगों में पहले से जीवन भर खतरे मोल ना लेने की प्रवृत्ति रहती है। इसके रोगियों ने भी बताया है कि वह कभी तेज रफ्तार या झूले पर झूलने जैसी गतिविधियों में शामिल नहीं होते थे। लाइव साइंस के अनुसार इस अध्ययन से इस सवाल को बल मिला है कि क्या सावधानीपूर्ण रवैये अपनाने वाले लोगों को पार्किन्सन से प्रभावित होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह संभव हो सकता है कि किसी के व्यव्तित्व का यह पहलू उसके पार्किन्सन से पीड़ित होने का प्रमाण हो। इस तथ्य को पुष्ट करने के लिये अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।