झल्लाया पाकिस्तान, कहा- ब्रिक्स और बिम्सटेक को भ्रमित कर रहे हैं मोदी
इस्लामाबाद| ब्रिक्स बैठक में नरेन्द्र मोदी के जवाबी तीरों से झल्लाया पाकिस्तान तरह-तरह के बयान दे रहा है| पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ब्रिक्स और बिम्सटेक देशों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत को आतंकवाद से मुकाबला करने के बारे में बात करने का नैतिक आधार नहीं है, क्योंकि वह खुद कश्मीर में आतंकवाद में संलिप्त है।
झल्लाया पाकिस्तान
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामले के सलाहकार सरताज अजीज ने रविवार को यह टिप्पणी की।अजीज ने यह प्रतिक्रिया गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी के बयान के बाद दी, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री ने नाम लिए बिना पाकिस्तान को ‘आतंकवाद की जन्मभूमि’ की संज्ञा दी थी।
अजीज ने कहा, “भारतीय नेतृत्व जम्मू एवं कश्मीर में अपनी ज्यादतियों को छिपाने की व्यग्रता से कोशिश कर रहा है, जहां सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं और घायल हो रहे हैं। कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है।”
उन्होंने कहा कि ‘कश्मीर घाटी के लोग संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप ही आत्मनिर्णय के मौलिक अधिकार की मांग कर रहे हैं। और, इसके लिए घाटी के लोग भारत के जनसंहार के शिकार हो रहे हैं।’
नवाज शरीफ के सलाहकार ने कहा कि जिनेवा स्थित मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव ने कश्मीर में तथ्यों का पता लगाने के मिशन भेजने का आग्रह किया है।
अजीज ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र और ओआईसी ने कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के संघर्ष को आतंकवाद बताने के भारत के प्रयासों को खारिज कर दिया है।” अजीज ने कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि आत्मनिर्णय का अधिकार मांग रहे लोगों को आतंकवादी नहीं करार दिया जा सकता।’
अजीज के अनुसार, आतंकवाद की निंदा करने में पाकिस्तान सभी ब्रिक्स और बिम्सटेक देशों के साथ है और बिना किसी भेदभाव के इस खतरे से निपटने के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता दोहराता है।
अजीज ने कहा कि पाकिस्तान, ‘भारतीय हस्तक्षेप और विध्वंसक गतिविधियों से पीड़ित है, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान को अस्थिर करना है।’
पाकिस्तानी सलाहकार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, खास तौर से ब्रिक्स देशों से मांग की कि वे ‘भारत से कश्मीर में खूनखराबे को अविलंब रोकने के लिए कहें।’