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झारखंड बजट सत्र के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना

BJP-Cabinet-modiदस्तक टाइम्स एजेन्सी/रांची. झारखंड बजट सत्र के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है. इस फेरबदल में कई मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है तो कई मंत्रियों के मंत्रिमंडल में फेरबदल भी किया जा सकता है.

दिल्‍ली और बिहार विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी ‌की निगाहें फिलहाल अगले साल होने वाले उत्तर-प्रदेश, असम, उत्‍तराखंड और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों पर है. आगामी लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए अगले साल चार राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतना बहुत जरूरी है.

किन मंत्रियों पर गिरेगी गाज?

असम की जिम्‍मेदारी

बीजेपी ने असम विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को अपना मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया. ऐसे में सोनोवाल को केन्‍द्रीय मंत्री का पद छोड़ना पड़ सकता है ताकि वह असम विधानसभा चुनावों पर अपना ध्‍यान क्रेंदित कर सकें.

पिता के बयानबाजी का खामियाजा

मोदी सरकार के बारे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा कई बार टिप्‍पणी कर चुके हैं. ऐसे में एक पिता की बयानबाजी का खामियाजा बेटे और वित्‍त राज्‍यमंत्री जयंता सिन्‍हा को भुगतना पड़ सकता है.

हाल ही में यशवंत सिन्‍हा ने पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि इसमें कोई संवाद नहीं हो रहा और इस सरकार का हाल इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली उस कांग्रेस सरकार की तरह हो सकता है, जिसे आपातकाल के बाद मुंह की खानी पड़ी थी.

हालांकि इस मामले में जयंत ने उनके बयान का खंडन किया था. उन्‍होंने कहा कि उनके पिता यशवंत सिन्‍हा के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. इसस पहले भी यशवंत ने शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की किताब ‘खामोश’ के विमोचन के मौके पर भी बीजेपी नेतृत्‍व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि शत्रुघ्‍न की बिहार चुनावों के दौरान उपेक्षा की गई.

डीडीसीए विवाद छीन सकता है वित्‍त मंत्रायल

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के डीडीसीए विवाद के खिलाफ मुहिम शुरू करने और जांच आयोग का गठन करने के बाद से वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की मुश्किलें बढ़ी है

इतना ही नहीं इस मुद्दे को खुद बीजेपी से निष्कासित सांसद कीर्ति आजाद भी पहले से उठाते रहे हैं. माना जा रहा है कि सरकार की विफलताओं का ‌ठिकरा वित्त मंत्री अरुण जेटली के सिर पर फूट सकता है. फरवरी में बजट पेश हो जानने के बाद उन्हें वित्तमंत्री पद से हटाया जा सकता है.

विवादों से पुराना नाता

मानव संसाधन विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी का तो विवादों से बहुत पुराना नाता रहा है. डिग्री विवाद हो या फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के अतिचर्चित चार वर्षीय कार्यक्रम FYUP को रद्द करना. इतना ही नहीं इनके कार्यकाल में आईआईटी दिल्ली के निदेशक आर शेवगांवकर ने भी इस्तीफा दे दिया था. उनका आरोप था कि उन पर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ‌की तनख्वाह रीलीज करने का दबाव बनाया जा रहा था.

वहीं हाल ही में हैदाराबाद केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय के दलित छात्र रो‍हित वेमुला की आत्महत्या की आंच मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी तक पहुंची थी. ऐसे में इनसे भी मंत्रालय छीना जा सकता है.

ललित मोदी विवाद के चलते जा सकती है कुर्सी

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद को लेकर सियासी गलियारों में काफी तूफान मचा था. इसकी वजह थी कि विदेश मंत्री सुषमा ने ललित मोदी को पत्नी के इलाज के लिए डेनमार्क भेजने के लिए सांसद कीथ वाज से सिफारिश की थी.

इसके बाद विपक्ष ने सुषमा को पद से हटाने के लिए कई धरने प्रदर्शन किए और इतना ही नहीं संसद तक को नहीं चलने दिया. हालांकि मोदी सरकार उनके साथ खड़ी रही और उनसे इस्‍तीफा नहीं लिया गया. वहीं सुषमा स्‍वराज विदेश मंत्री है, लेकिन विदेशी मामलों में पीएमओ की दखलांदाजी बहुत ज्‍यादा है.

 

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