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झारखंड में गंगा में आई उफान ने बढ़ाई साहिबगंज के लोगों की परेशानी, 48 हजार परिवार प्रभावित, मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण

साहिबगंज: झारखंड का साहिबगंज जिला प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है, जहां गंगा बहती है. इस जिले के बाद गंगा बंगाल में प्रवेश कर जाती है और फिर बंगाल की खाड़ी में मिलती है. लेकिन गंगा की वजह से अक्सर साहिबगंज वासियों को बाढ़ की मार झेलनी पड़ती है. इस बार भी गंगा में आई उफान की वजह से जिले में ग्रामीण के साथ ही शहरी इलाका डूब गया है. घर, दुकान, मकान के साथ-साथ सैकड़ों एकड़ में लगी धान और मकई की फसल पानी में डूब गई है.

लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है, जिस वजह से लोग घर छोड़ सूखे और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं. सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोगों को करना पड़ रहा है क्योंकि उनका सारा कुछ डूब चुका है. लोगों की सुरक्षा के लिए बिजली काट दी गई है. हालांकि, बाढ़ पीड़ित प्रशासन की लचर व्यवस्था से काफी परेशान नजर आ रहे हैं.

पिछले एक सप्ताह से अधिकारी केवल सर्वे कर रहे हैं. अब तक चार प्रखंड के 85 गांव निवासी 48 हजार परिवार के बाढ़ प्रभावित होने की रिपोर्ट सचिव ने सरकार को सौंपी है. जबकि जिला प्रशासन ने अब तक मात्र 7500 लोगों के बीच ही राहत सामग्री के रूप में सूखे राशन का वितरण किया है. इधर, सीएम हेमंत सोरेन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकार द्वारा हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी. बाढ़ की विभीषिका का आकलन कर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से प्रभावित लोगों की सुरक्षा हेतु पूरी तरह से कटिबद्ध है. सरकार बाढ़ से प्रभावित लोगों तक खाद्य सामग्री की आपूर्ति, उनका सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण, उन्हें मेडिकल सुविधा प्रदान करने जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तत्पर होकर कार्य कर रही है. इसके साथ ही मवेशियों को सुरक्षित स्थल पर लाने एवं उनके चारे की भी व्यवस्था की जा रही है.

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