रांची: राजधानी रांची सहित झारखंड के अन्य जिलों में गुरुवार दोपहर बाद हवा के साथ बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली और मौसम सुहाना हो गया। 13-14 जून को झारखंड में मॉनसून दस्तक देगा। झारखंड में अगले तीन दिनों तक प्री मॉनसून बारिश होती रहेगी। इस दौरान राज्य के लगभग सभी हिस्सों में वज्रपात के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मॉनसून सामान्य गति से झारखंड की तरफ बढ़ रहा है इसके अगले तीन दिनों में राज्य में दस्तक देने की उम्मीद है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बने कम दबाव के क्षेत्र का एक टफलाइन उत्तर प्रदेश से होते हुए बंगाल तक फैला हुआ है। इसके कारण भी राज्य के कई हिस्सों में बारिश देखने को मिली है वहीं मॉनसून के आने के पहले होने वाली प्री मॉनसून वज्रपात भी हो रही है। इसके लिए विभाग की ओर से 24 घंटे अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसके 11 जून तक गहरा होने की संभावना है।
इससे राज्य में मॉनसून के आने के लिए पर्याप्त अनुकूल परिस्थितियां बन रही है। रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, रामगढ़, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला -खरसावां के कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। संभवत 13 जून को मानसून ब्रेक हो सकता है। अधिकतम तापमान 27 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।
रांची के मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य में प्री मॉनसून रेन की शुरुआत हो चुकी है। इसे देखते हुए राज्य में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। साथ ही वज्रपात और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने पूरे राज्य के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि राज्य में बारिश वज्रपात और तेज हवा का दौर 13 जून तक चलने की संभावना है। इसके बाद मानसून की बारिश शुरू होगी। पिछले 24 घंटों में झारखंड में मॉनसून सामान्य रहा तथा कुछ स्थानों पर हल्के से माध्यम दर्ज की वर्षा हुई। कहीं-कहीं भारी वर्षा भी दर्ज की गई है। सबसे अधिक 73.4 एमएम बारिश सिमडेगा में दर्ज की गई। सबसे अधिक तापमान 34.3 सेल्सियस दुमका और रांची में सबसे कम न्यूनतम तापमान 22.1 सेल्सियस दर्ज किया गया।
बारिश के समय पेड़ों के नीचे ना रहे, तालाब, झील, पानी वाले इलाके से तुरंत बाहर आ जाए, वज्रपात सुनते ही पक्के भवन के अंदर चले जाएं, वज्रपात की लास्ट क्लैप सुनने के बाद आधे घंटे के बाद ही बाहर निकले, सफर के दौरान कार, बस, ट्रेन के अंदर ही रहे, जरूरी ना हो तो बाहर ना निकले और किसी भी तरह के इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रोनिक उपकरण का प्रयोग ना करें।