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झारखंड विधानसभा चुनाव से नीतीश को बड़ी उम्‍मीद, मिल सकता राष्ट्रीय दल का दर्जा

पटना। नवंबर-दिसंबर में होने जा रहे झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) से बिहार के सत्‍ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) की आस भी जुड़ी है। चुनाव में जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा पार कर जाने की उम्मीद है। अगर छह फीसद या उससे अधिक वोट मिल गए तो जेडीयू को बिहार समेत तीन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा। नियमों के मुताबिक किसी भी दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए लोकसभा की दो फीसद सीटों के साथ कम से कम चार राज्यों में छह फीसद वोट चाहिए। झारखंड से जेडीयू के लिए आगे का रास्ता खुल सकता है। एक कदम का सफर बाकी रह जाएगा, जिसे जम्मू-कश्मीर से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

ऊपर चढ़ रहा जेडीयू का ग्राफ

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने के आधार पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने 18 जुलाई को भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (CPI), राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) को नोटिस जारी करके पूछा था कि निर्धारित न्यूनतम वोट और सीटें नहीं मिलने के कारण क्यों न उनकी राष्ट्रीय मान्यता समाप्त कर दी जाए? नोटिस से साफ हो गया है कि कई दल अवसान की ओर हैं, जबकि जेडीयू का ग्राफ ऊपर चढ़ रहा है। लोकसभा में इसके 16 और राज्यसभा में छह सदस्य हैं।

झारखंड में जोर लगा रही पार्टी

बिहार के अलावा जेडीयू को अरुणाचल प्रदेश में भी क्षेत्रीय दल का दर्जा है। कुल 60 सदस्यीय विधानसभा में सात विधायक हैं। वोट फीसद 9.88 है। नगालैंडमें पार्टी का एक विधायक है, लेकिन मतों के मामले में डेढ़ फीसद की कमी रह गई। 2018 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 13 प्रत्याशी उतारे थे। वोट मिले थे 4.5 फीसद। मणिपुर में भी अच्छी स्थिति है। झारखंड में पार्टी ने जोर लगा दिया है।

केसी त्‍यागी ने कही ये बात

जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) के मुताबिक नीतीश कुमार की झारखंड में अच्छी स्वीकार्यता है। प्रशांत किशोर भी लगे हैं। सालखन मुर्मू (Slakhan Murmu) को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी की हैसियत तेजी से बढ़ी है। पार्टी सभी 81 सीटों पर लडऩे की तैयारी में है। वैसे, तालमेल का विकल्प भी खुला है। झारखंड में अच्छी स्थिति है। जम्मू-कश्मीर से भी उम्मीद है। केसी त्‍यागी कहते हैं कि जेडीयू को पहले राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त था, जो फिर मिलेगा।

झारखंड में सत्ता में भी रह चुका जेडीयू

बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में भी जेडीयू का बेहतर प्रदर्शन रहा है। 2005 में हुए विधानसभा के प्रथम चुनाव में पार्टी ने 18 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें छह जीते थे। चार फीसद वोट मिले थे। राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में जेडीयू की भी हिस्सेदारी थी। हालांकि, 2009 में वोटों और सीटों दोनों में गिरावट आई। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन में 14 सीटें मिली, जिनपर मात्र दो पर जीत मिली। वोट भी घटकर चार से 2.78 फीसद पर आ गया, जिसे अब फिर से उठने का प्रयास हो रहा है।

कैसे मिलता है राष्ट्रीय दल का दर्जा, जानिए

किसी भी मान्यता प्राप्त दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए निर्धारित निम्‍नलिखित तीन शर्तों में से किसी एक को पूरा करना होता है:

– चार लोकसभा सीटों के साथ-साथ कम से कम चार राज्यों में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में छह फीसद वोट।

– तीन विभिन्न राज्यों को मिलाकर लोकसभा की दो फीसद सीटों पर जीत

– कम से कम चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा। इसके लिए उक्त सभी राज्यों में कम से कम छह फीसद वोट लाना अनिवार्य।

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