लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश का बजट पेश करने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चैथा बजट पेश किया है। बजट का प्रारम्भ ही असत्यता पर आधारित है और उन्होंने प्रदेश की विकास दर को देश की विकास दर से अधिक बताया है। जबकि विकास दर जिसका ढिंढोरा मुख्यमंत्री पीट रहे हैं, इनके कार्यकाल 2012-13 में विकास दर 5.8 फीसद से घटकर 2013-14 में 5 फीसद रह गई है। जबकि देश की विकास दर 6.9 फीसद है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बाजपेयी ने कहा कि, वर्तमान प्रस्तुत बजट में शब्दों का माया जाल अधिक है। सहभागी विकास, विकास का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग को आर प्रभावी क्रियान्वयन शब्दों का इस्तेमाल बड़ी चतुराई से किया है। उन्होंने कहा कि, बजट में किसानों को प्रदेश की 70 फीसद आबादी का भाग बताया और वर्ष 2015-2016 को किसान वर्ष के रूप में मानाने के लिए घोषित किया। लेकिन मुख्यमंत्रीयह भूल गये कि पिछले वर्ष उनकी सरकार ने गेहूं और धान के खरीद केन्द्रों से एक दाना भी उप्र सरकार ने नहीं क्रय किया। वहीं महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर पिछले बजट में 1090 की जोर-शोर से घोषणा की गई हैं जबकि महिलाओं के प्रति हिसंा बढी है।