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टाटा स्टील के UK कारोबार की बिक्री सोमवार से, ब्रिटिश सरकार ने किया रोजगार सुरक्षा का वादा

tata-steel_625x300_51459331456एजेन्सी/  मुंबई: टाटा स्टील अपने ब्रिटेन के नकदी संकट से जूझ रहे इस्पात कारोबार की बिक्री प्रक्रिया सोमवार से शुरू करने जा रही है। वहीं ब्रिटेन सरकार ने वादा किया है कि वह इसके लिए टाटा स्टील को गंभीर खरीदार ढूंढने में मदद करेगी, जिससे कंपनी के संयंत्रों के हजारों कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा की जा सके।

श्रमिक यूनियनों तथा विपक्षी दलों के जोरदार दबाव के बीच ब्रिटेन सरकार ने अपने व्यापार मंत्री साजिद जाविद को बुधवार सुबह मुंबई भेजा। जाविद की टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बिक्री प्रक्रिया के तौर तरीके तय करने के लिए मैराथन बैठक हुई।

टाटा के अधिकारियों ने हालांकि ब्रिटेन के मंत्री के साथ बैठक के मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी। लेकिन जाविद ने बैठक के बाद कहा कि टाटा स्टील सोमवार, 11 अप्रैल से अपने इस्पात कारोबार की बिक्री की प्रक्रिया शुरू करेगी और ब्रिटिश सरकार इसके लिए कोई गंभीर खरीदार ढूंढने में पूरी प्रतिबद्धता से मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि बिक्री प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। टाटा को खरीदार ढूंढने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। जाविद ने कहा कि ब्रिटिश सरकार ब्रिटेन के इस्पात क्षेत्र और उसके कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जाविद ने ट्वीट कर अपनी इस बैठक को रचनात्मक एवं सकारात्मक बताया। टाटा समूह के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में मिस्त्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ दो घंटे तक चली बैठक के बाद जाविद ने टाटा स्टील समूह के कार्यकारी निदेशक कौशिक चटर्जी से भी मुलाकात की।

टाटा समूह के अधिकारियों के साथ बैठकों में समझा जाता है कि जाविद ने बिक्री प्रक्रिया के व्यापक तौर तरीके पर विचार-विमर्श किया। साथ ही उन्होंने टाटा से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि इससे नौकरियों का नुकसान न हो। बॉम्बे हाउस के बाहर सुबह से ही ब्रिटिश मीडिया सहित बड़ी संख्या में संवाददाता मौजूद थे। वहीं टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि उनके पास मीडिया से साझा करने को कुछ नहीं है।

टाटा स्टील यूके में करीब 15,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। ब्रिटेन सरकार पहले से खराब चल रहे आर्थिक वातावरण में नौकरियों को बचाना चाहती है। विशेष रूप से इस्पात उद्योग के लिए। यह देश के प्रमुख उद्योगों में से है।

यह बैठक टाटा समूह द्वारा टाटा स्टील के ब्रिटेन के कारोबार को बिक्री के लिए पेश करने के एक सप्ताह में हुई है। टाटा समूह ने अप्रैल, 2007 में कोरस का 12 अरब डॉलर से अधिक के सौदे में अधिग्रहण किया था। लेकिन उसके बाद से वह अपने ब्रिटिश कारोबार की स्थिति सुधार नहीं पाई।

टाटा स्टील के एक प्रवक्ता ने बाद में कहा, 29 मार्च को हमने जो घोषणा की थी, यह बैठक उसके आगे का रख तय करने के लिए थी। टाटा स्टील यूरोप ने पिछले सप्ताह रणनीतिक समीक्षा के बाद अपने ब्रिटेन के इस्पात कारोबार की बिक्री की योजना की घोषणा की थी। इससे उद्योग जगत में हलचल मच गई थी। अधिग्रहण के बाद से ही कंपनी के ब्रिटेन के संयंत्रों का मूल्य करीब तीन अरब पौंड नीचे आ चुका है। चीन की डंपिंग से कंपनी बुरी तरह प्रभावित हुई है। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की वजह से मांग में 30 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है।

ब्रिटेन सरकार ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि जाविद मुंबई में टाटा से मिलेंगे। उनकी इस सप्ताह लंदन में ट्रेड यूनियनों तथा राष्ट्रीय विनिर्माता संगठनों (ईईएफ) के साथ रचनात्मक बैठक हुई।

श्रमिक संगठनों ने जाविद से यह सुनिश्चित करने को कहा कि टाटा संयंत्रों के लिए खरीदार ढूंढने का पूरा प्रयास करें। भारत के लिए जल्दबाजी में तैयार की गई यात्रा पर रवाना होने से पहले जाविद की भारतीय मूल के उद्योगपति लिबर्टी समूह के संजीव गुप्ता के साथ महत्वपूर्ण बातचीत हुई। गुप्ता ने साउथ वेल्स में टाटा स्टील के संकटग्रस्त पोर्ट टालबोट संयंत्र को खरीदने की इच्छा जताई है। इस संयंत्र में अकेले 4,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

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