टेस्टोस्टेरोन हार्मोन थेरेपी से अब होगा कैंसर का इलाज
कैंसर पीड़ित मरीज के कंकाल मांसपेशियों के नुकसान को ठीक करने के लिए कोई थेरेपी नहीं है. इससे मरीजों की मांसपेशी काम करना बंद कर देती या कमजोर हो जाती है.
कैंसर के मरीजों में बॉडी मास में कमी से निपटने में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से इलाज प्रभावी हो सकता है और इससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है. एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है. कैंसर से जुड़ी करीब 20 फीसदी मौतें कैचेक्सिया सिंड्रोम की वजह से होती हैं, जिसमें कैंसर मरीजों में अक्सर फैट और कंकाल की मांसपेशियां तेजी से कम होने लगती हैं.
रिसर्च का यह निष्कर्ष महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में कंकाल मांसपेशियों के नुकसान को ठीक करने के लिए कोई थेरेपी नहीं है. इससे मरीजों की मांसपेशी काम करना बंद कर देती या कमजोर हो जाती है.
अमेरिका की टेक्सास विश्वविद्यालय की मेडिकल ब्रांच की मेलिंडा शेफील्ड-मूरे ने कहा, ‘हम उम्मीद के साथ बताना चाहते हैं कि ये मरीज जो अपने बिस्तर से उठ पाने में सहज नहीं महसूस करते कम से कम वे जीवन की मूल गुणवत्ता पाने में समर्थ होंगे, जिससे कि वह अपना ख्याल रखें और उन्हें इलाज मिल सके.