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टॉपरों पर हुई फजीहत तो जागी बिहार सरकार, लिया जाएगा सबका इंटरव्यू

एजेंसी/ bihar-board-exam_1464697782बिहार बोर्ड के 12वीं कक्षा के टॉपरों को लेकर हुई फजीहत के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सर्वाधिक अंक लाने वाले कुल 14 छात्रों को तलब किया है। साथ ही विज्ञान और कला के टॉपरों के रिजल्ट पर फिलहाल रोक लगा दी है।
 

तीन जून को विज्ञान और कला के पांच-पांच टॉपरों के कुल 14 छात्रों को पटना बुलाया गया है, जहां समिति के सभी वरिष्ठ अधिकारी और कदाचार समिति के लोग मौजूद रहेंगे। छात्रों से पूछताछ के बाद बोर्ड जो निर्णय लेगा, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 बोर्ड के इस फैसले के बाद एक-एक कर टॉपर भूमिगत हो रहे हैं। माना जा रहा है कि बोर्ड इस संबंध में विज्ञापन जारी करेगा। बुधवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी। इस स्कूल पर पहले से शक था।

लिहाजा एक्सपर्ट की ओर से कॉपी की जांच करने के बाद ही रिजल्ट घोषित किया गया। इसमें समिति किसी भी तरह से दोषी नहीं है। इस्तीफे के सवाल पर सिंह ने कहा कि बोर्ड की कहीं कोई गलती नहीं है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

शिक्षा विभाग में माफिया का बोलबाला
बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने स्वीकार किया है कि शिक्षा विभाग में माफिया का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि हर संभव कोशिश के बावजूद जो सामने आया है, उससे इनकार नहीं किया जा सकता। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सिस्टम को खराब करने वाले लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई होगी।

दोषी स्कूल, प्रबंधन, बोर्ड और काउंसिल के जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई से गुरेज नहीं किया जाएगा। दोषी लोगों को नौकरी से निलंबित नहीं, बल्कि बर्खास्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की छवि पर आंच नहीं आने दी जाएगी।

नकल रोकी, तो रिजल्ट फीसदी कम हुआ
शिक्षा मंत्री ने कहा कि परीक्षा में नकल रोकी, तो रिजल्ट का प्रतिशत कम हुआ है। इस बार परीक्षा के दौरान किसी मंत्री विधायक की पैरवी नहीं सुनी गई, लेकिन विपक्ष के लोग इस पर भी सियासत कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों के भविष्य पर भाजपा नेता सियासत कर रहे हैं।

 
 

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