दिल्लीफीचर्डराष्ट्रीय

ट्रंप ने भारत आने से किया इन्कार, मोदी के न्योते को मारी ठोकर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी सरकार के गणतंत्र दिवस समारोह में भारत आने का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। ट्रंप ने भारत न आने की वजह अपनी व्यस्तता को बताया है।

नई दिल्‍ली: अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गणतंत्र दिवस के मौके पर चीफ गेस्‍ट के रूप में भारत आने के मोदी सरकार के न्‍योते को ठुकरा दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने इस संबंध में हाल ही में भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को एक पत्र सौंपा है। माना जा रहा है कि इस पत्र में ट्रंप ने न आ सकने पर खेद जताया है। माना जा रहा है कि इसका कारण अमेरिका में कुछ राजनीतिक कार्यक्रम और ट्रंप का स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन है, जो 26 जनवरी से कुछ दिन पहले या ठीक उसके बाद निर्धारित हो सकता है। इस मुद्दे पर ट्रंप की प्रतिक्रिया उनके पूर्ववर्ती राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के विपरीत है जो वर्ष 2015 में तमाम घरेलू जिम्‍मेदारियों के बावजूद गणतंत्र दिवस पर भारत आए थे। ट्रंप ने यह न्‍योता ऐसे समय पर ठुकराया है जब भारत और अमेरिका के बीच रिश्‍तों में तनाव आया है। इस तनाव की मुख्‍य वजह रूस के साथ भारत का रक्षा समझौता और ईरान से तेल का आयात है। बता दें कि अमेरिका के CAATSA (काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैक्शंस ऐक्ट) के तहत प्रतिबंधों की धमकी के बाद भी भारत ने हाल ही में रूस के साथ S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम डील फाइनल किया था। इसके बाद रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने एक ‘स्वतंत्र’ देश के तौर पर भारत के काम करने की तारीफ की थी। यही नहीं भारत ने ईरान से तेल आयात रोकने या उसमें भारी कटौती करने की किसी संभावना को खारिज कर दिया है। इससे पहले 2+2 वार्ता के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि अमेरिका अपेक्षा करता है कि भारत प्रतिबंधों से बचने के लिए 4 नवंबर तक ईरान से तेल आयात पूरी तरह से रोक देगा। उधर, इस मुद्दे पर भारत ने कहा था कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के आधार पर कार्य करेगा। यही नहीं भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने नवंबर महीने के लिए ईरान को तेल का आर्डर भी दे दिया है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस पत्र के साथ ही लंबे समय से चली आ रही यह अटकल भी समाप्‍त हो गई है कि ट्रंप भारत आएंगे या नहीं। बताया जा रहा है कि भारत ने उन्‍हें फरवरी में आने का न्‍योता दिया था लेकिन अमेरिका ने उसे स्‍वीकार नहीं किया। दरअसल, एनडीए सरकार अपने अंतिम साल में है और भारत में मई तक चुनाव हो सकते हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप ने इसी को देखते हुए भारत का न्‍योता ठुकराया है।

Related Articles

Back to top button