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ट्रायल सफल, 120 किमी रफ्तार से दौड़े मॉडल कोच

bhopal sateshan se modal choch ka tarayal

भोपाल । रेल यात्रियों को जल्द ही आरामदायक और सर्वसुविधा युक्त कोच की सौगात मिल जाएगी। शुक्रवार को मॉडल कोच के रैक की ट्रायल की गई, जो पूरी तरह सफल रही। माडल रैक को सुबह साढ़े दस बजे बीना के लिए रवाना किया गया। माडल कोच के साथ ट्रेन 143 किलोमीटर के ट्रेक पर 110 से 120 की रफ्तार से दौड़ी। इस दौरान डिब्बों के अंदर सीटें हिलने या किसी असामान्य आवाज की निगरानी की गई। पूरे सफर में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।

24 कोच का रैक राजधानी स्थित कोच फैक्ट्री में तैयार हुआ है। इसकी ट्रायल के दौरान हर कोच में कोच फैक्ट्री के दो इंजीनियर तैनात रहे। रैक सुबह साढ़े दस बजे राजधानी से चला और साढ़े 12 बजे बीना पहुंच गया। वापसी में 2 बजकर 20 मिनट पर बीना से रवाना हुआ। बीच में ट्रेक पर काम चलने के कारण इसे थोड़ी देर लूपलाइन में खड़ा किया गया। गाड़ी शाम साढ़े 6 बजे वापस निशातपुरा आई। यहां से उसे कोच फैक्ट्री भेज दिया गया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मॉडल रैक में फिनिशिंग का थोड़ा काम बाकी है। इसे अगले दस दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।

रेलवे बोर्ड को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

मॉडल कोच के रैक की ट्रायल रिपोर्ट रेलवे बोर्ड व पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर स्थित जोन कार्यालय को भेजी जाएगी। यहां से हरी झंडी मिलने के बाद इन कोच का उपयोग होने लगेगा। रिपोर्ट सकारात्मक आने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड जल्द ही इन्हें चलाने का निर्णय ले लेगा।

जबलपुर संपर्क क्रांति में लग सकते हैं कोच

मॉडल कोच किस ट्रेन में लगेंगे यह अभी तय नहीं है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक जबलपुर-निजामुद्दीन संपर्क क्रांति में इन्हें लगाया जाएगा। इसकी वजह यह है कि जबलपुर-निजामुद्दीन संपर्क क्रांति एक ही दिन में दिल्ली जाकर लौट आती है, इसमें दो रैक की जरूरत नहीं होती है। बाकी गाड़ियों में दो रैक की आवश्यकता पड़ती है, जबकि अभी केवल एक रैक ही तैयार किया गया है।

बदली जाएगी थीम

रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि मॉडल कोच के बाहर अभी जो थीम है, वह 20 दिन पहले तैयार की गई थी। एक कोच पर ट्रायल के लिए दूसरे रंग का पैपर चिपकाया गया था। आने वाले दिनों में मॉडल कोच पर पीवीसी स्टीकर चिपकाए जाएंगे, जिससे इनकी सुंदरता और बढ़ जाएगी।

इन बिन्दुओं की हुई जांच

रफ्तार

तय रफ्तार : 110-120 किलोमीटर प्रतिघंटा

ट्रायल के दौरान : गाड़ी चली 110 से 130 किमी प्रति घंटा

लाइटिंग

एलईडी लाइटें- डिब्बों में ट्रेन चलने के दौरान सभी एलईडी लाइट जलना चाहिए

ट्रायल के दौरान : सभी डिब्बों की लाइटें जलती रहीं।

मोबाइल चार्जिंग पाइंट : चार्जिंग प्वाइंट काम किए या नहीं

ट्रायल के दौरान : सभी पाइंट काम कर रहे थे।

बर्थ से कोई आसामान्य आवाज- आवाज की जांच

ट्रायल के दौरान : किसी प्रकार की आवाज नहीं आई।

चैन पुलिंग व ब्रेक सिस्टमः ट्रन सभी जगह रूकी और चैन पुलिंग की जांच

ट्रायल के दौरान : कोच फैक्ट्री में पहले ही चैक कर लिए गए थे। स्टेशन पर ब्रेक और चैन पुलिंग करके देखी गई।

 
 

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