नई दिल्ली : त्योहारों के दौरान कन्फ़र्म रेल टिकट मिलना मुश्किल होता है, लेकिन रेलवे द्वारा इस बार नई ट्रेनों को चलाने जैसे प्रबंध के कारण वेटिंग टिकट कन्फ़र्म होने की दर पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ी है। यह बात कंसल्टिंग सर्विस कंपनी की स्टडी में सामने आई है। ऐप के जरिए रेल संबंधी अन्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाली रेलयात्री डॉट इन के अध्ययन से यह भी पता चलता है कि स्लीपर क्लास में पिछले साल की तुलना में इस साल औसत वेटिंग लिस्ट नीचे आई है। स्टडी के अनुसार छुट्टियों के दौरान देहरादून-हावड़ा दून एक्सप्रेस, पुणे-जम्मू तवी झेलम एक्सप्रेस समेत कई लंबी दूरी की ट्रेनों में टिकट पक्की होने की दर वर्ष 2016 में क्रमश: 38.50 फीसदी और 52 फीसदी थी। 2017 में यह दर क्रमश: 60.40 फीसदी और 64.90 फीसदी हो गई। इसी तरह छत्रपति टर्मिनस से हावड़ा सुपरफाट मेल (गया के रास्ते) में टिकट पक्की होने की दर 2016 में 40 प्रतिशत के मुकाबले 2017 में 50.40 प्रतिशत हो गई। इसी प्रकार, पुणे-जम्मूतवी झेलम एक्सप्रेस, पुणे-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस और बेंगलुरु-दानापुर संघमित्रा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में भी टिकट पक्की होने की स्थिति सुधरी।
स्टडी के अनुसार रेलवे में टिकट निरस्त कराने की दर पिछले दो साल से 18 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि शेष प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को पक्की टिकट मिली। वर्ष 2015 में वेटिंग लिस्ट के टिकटों के निरस्तीकरण की दर 25.5 प्रतिशत थी, जो 2016 और 2017 में 18 प्रतिशत पर बरकरार है। रेल यात्री के सह संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी मनीष राठी ने कहा, हर साल त्योहारों के दौरान रेल टिकट की भारी मांग होती है और कई यात्रियों को पक्की टिकट नहीं मिल पाती। हालांकि आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ ही लोगों को अपने टिकट निरस्त करने पड़े। अध्ययन में यह भी कहा गया है स्लीपर श्रेणी में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल औसत वेटिंग लिस्ट नीचे आई है। इसके अनुसार अवकाश के दौरान कोटा-पटना एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास में 2016 में औसतन प्रतीक्षा सूची 813 थी, जो 2017 में घटकर 735 पर आ गई। वहीं भागलपुर-मुंबई लोकमान्य तिलक सुपर फास्ट एक्सप्रेस में प्रतीक्षा सूची 2017 में घटकर 727 पर आ गई, जो 2016 में 736 थी। इसी प्रकार, अहमदाबाद-हरिद्वार योग एक्सप्रेस, यंशवंतपुर-हावडा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी प्रतीक्षा सूची घटी है। इसका प्रमुख कारण रेलवे द्वारा नई ट्रेनों का संचालन है।