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ट्रैफिक जाम में फंसी एंबुलेंस में बच्चे ने तोड़ा दम, फिर भी सड़क से नहीं हटे प्रदर्शनकारी

जेपी बिल्डर के फ्लैट खरीदारों द्वारा शनिवार शाम नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर लगाए गए जाम में एंबुलेंस के फंसने से बीमार बच्चे की मौत हो गई। दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चे को फिरोजाबाद के ट्रॉमा सेंटर से एम्स लाया जा रहा था।
ट्रैफिक जाम में फंसी एंबुलेंस में बच्चे ने तोड़ा दम, फिर भी सड़क से नहीं हटे प्रदर्शनकारी
एंबुलेंस लगभग 45 मिनट तक जाम में फंसी रही, जिससे उसमें ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। एसएसपी लव कुमार ने बताया कि एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने जाम लगाने वाले खरीदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि बच्चे के परिजन की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है।

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बच्चे की मौत की पुष्टि होने पर एफआईआर में इस तथ्य को भी शामिल किया जाएगा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे जेपी विस टाउन में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदारों ने कब्जा न मिलने पर शनिवार शाम करीब 5:30 बजे एक्सप्रेसवे पर जाम लगा दिया।

खरीदारों ने लगभग एक घंटे तक एक्सप्रेसवे जाम रखा। इस दौरान करीब पांच किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई। सूचना पर एक्सप्रेसवे समेत चार थानों की पुलिस और पीएसी पहुंच गई।

करीब 45 जाम में फंसी रही एंबुलेंस

पुलिस ने खरीदारों को समझा-बुझाकर किसी तरह जाम खुलवाया। इसके बाद एक्सप्रेस-वे पर यातायात सामान्य हो सका। बताया गया है कि इसी जाम में एक निजी एंबुलेंस करीब 45 मिनट तक फंसी रही।

फिरोजाबाद निवासी अर्जुन कुमार अपने नौ वर्षीय बेटे लवकुश को एंबुलेंस में लेकर एम्स जा रहे थे। दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चे का इलाज फिरोजाबाद के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा था। शनिवार को उसकी हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे ऑक्सीजन लगाकर एम्स रेफर किया गया था।

एंबुलेंस के ड्राइवर सोनू ने बताया कि नोएडा पहुंचने पर एंबुलेंस जाम में फंस गई। बहुत देर तक जाम में फंसे रहने के कारण एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गई। इससे बच्चे की हालत बिगड़ने लगी थी। जब उसे एम्स अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पिता शव लेकर लौट गया।

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