ट्विटर आैर फेसबुक से आप भी कमा सकते हो लाखों डाॅलर, जानें कैसे?
माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने बग ढूंढ़ने वाले अपने अभियान ‘हैकर वन’ के तहत पिछले दो सालों में रिसर्चर्स को कुल 3,22,420 डॉलर कंपंसेशन दिया है। ट्विटर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अर्काडे टेटेलमान ने मीडिया को दिए एक बयान में माना कि कंपनी यूजर्स की सुरक्षा के लिए एेसे कार्यक्रम चलाती है।
हैकर वन नामक यह कार्यक्रम कंपनी मर्इ 2014 से चला रही है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा खामियां दूर करने के लिए यह एक बेहतरीन साधन है। उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में इस कार्यक्रम से कंपनी को 1,662 रिसर्चर्स से सुरक्षा खामी से संबंधित कुल 5,171 जानकारियां मिलीं। इनमें से करीब 20 फीसदी बगों का समाधान कर उन्हें दूर किया गया। टेटेलमान के मुताबिक रिसर्चर्स को कुल 3,22,420 डॉलर का भुगतान किया।
इसमें औसत भुगतान 835 डॉलर रहा आैर न्यूनतम 140 डॉलर का भुगतान किया, जबकि अधिकतम 12,040 डॉलर का भुगतान किया।सॉफ्टवेयर इंजीनियर के मुताबिक कि 2015 में एक शोधकर्ता ने हमारे सॉफ्टवेयर की कमजोरियों से संबंधित कई बगों के बारे में जानकारी प्रदान कर 54,000 डॉलर से ज्यादा का भुगतान लिया।उन्होंने कहा कि हम रिमोट कोड निष्पादन से संबंधित बग के लिए न्यूनतम 15,000 डॉलर का भुगतान करते हैं, लेकिन अभी तक हमें इसके बारे कोई खबर मिली नहीं है।
टेटेलमान ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत कुछ बेहद गंभीर बगों के बारे में जानकारियां सामने आईं, जिनमें हमारे एंड्रायड एप के गंभीर बग भी थे। उन्होंने कहा कि एक बग ऐसा था जो हमारे उपयोगकर्ताओं के क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारियों को दूर से डिलीट कर सकता था।
लेकिन समय रहते इसे हल कर लिया गया।दूसरी साफ्टवेयर कंपनियां जैसे की साेशल मीडिया मुगल फेसबुुक आैर आैर टेक जाएंट माइक्रोसाॅफ्ट भी एेसे बग बाउंटी प्रोग्राम चलाती हैं जिनमें वे अपने यूजर्स को बग ढूंढ़ने की एवज में लाखों डालर का भुगतान करती हैं। फेसबुक द्वारा रिलीज एक आंकड़े के मुताबिक उसके लिए बग ढूंढ़ने वालों की फेहरिस्त में भारतीय सबसे आगे हैं।