एसएसपी निवेदिता कुकरेती के मुताबिक तीन अगस्त की शाम करीब आठ बजे एस्लेहॅाल चौक पर किशोर कुमार गैरा की कार से 2 लाख 43 हजार रुपये उड़ा लिए थे। किशोर कुमार नैशविला रोड स्थित अपनी दुकान बंद कर घर लूनिया मोहल्ला मनुगंज जा रहे थे। अचानक एक युवक ने कार का शीशा खटखटाया।
शीशा खोलते ही किशोर कुमार से युवक बहस करने लगा। इसी बीच दूसरी तरफ से भी एक युवक ने शीशा खटखटाया और पलक झपकते ही पहले वाले युवक ने कार में रखा बैग उड़ा लिया। लक्खीबाग चौकी क्षेत्र में भी ऐसी ही घटना हुई। विकास बालियान निवासी चमन विहार ने दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
विकास बालियान ने बताया कि गऊ घाट के पास उनकी कार का शीशा खटखटाकर कुछ युवक उनसे बात करने लगे और कार से उनका फोन चोरी हो गया। एसएसपी के मुताबिक गैंग को दबोचने के लिए कोतवाली नगर और एसओजी की संयुक्त टीम गठित की गई।
छानबीन में जानकारी मिली कि छह माह के भीतर हरिद्वार एवं आसपास जिलों में इस तरह की घटनाएं हुई हैं। टीम ने लखनऊ, दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा पुलिस से संपर्क किया। जानकारी मिली कि एनसीआर में ठकठक गैंग के नाम से सक्रिय है।
टीम ने मेरठ, मुजफ्फरनगर और दिल्ली में गैंग के सदस्यों की पड़ताल की। गैंग सदस्यों के मोबाइल नंबर उपलब्ध होने पर सर्विलांस पर लगाए गए। सर्विलांस में गैंग के देहरादून में होने की पुष्टि हो गई। टीम ने रविवार को रेलवे स्टेशन के पास से रिजवान उर्फ सोनू निवासी श्यामनगर, ढलाई, मेरठ उत्तरप्रदेश को दबोच लिया।
पूछताछ में रिजवान ने एस्लेहॉल और लक्खीबाग क्षेत्र की घटनाओं को कबूला लिया। रिजवान ने बताया कि अपने साथी अनीस निवासी हापुड़ चुंगी चमड़ा फेट जाकिर कालोनी मेरठ और जिशान निवासी त्रिलोकपुरी दिल्ली के साथ मिलकर वारदात की थी। इसके बाद लखनऊ भाग गए।
लखनऊ में इंद्रानगर क्षेत्र में पाकेट मारते वक्त अनीश पकड़ा गया। रिजवान और जिशान भागकर मेरठ चले गए। मेरठ से दोबारा घटनाओं को अंजाम देने देहरादून आ गए। देहरादून पहुंचते ही जिशान किसी काम से आईएसबीटी चला गया। उसके लौटने से पहले पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस ने जिशान की गिरफ्तार के लिए दबिशें दी, लेकिन उसका पता नहीं चल सका।