ठोस निर्णय नहीं ले पाते राहुल गांधी: दिग्विजय सिंह
एक तरफ जहां कांग्रेस उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में हार की वजह तलाशने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने एक नई कांग्रेस की मांग उठा दी, जिसका एक नया चार्टर, रोडमैप और नए स्टाइल की कैंपेनिंग हो। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी निर्णायक भूमिका में रहकर काम करें। आइडिया एक्सचेंज इवेंट में इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, हम चाहते हैं एक नई कांग्रेस बने और यह राहुल गांधी से बेहतर कोई नहीं कर सकता, उन्हें काम करना ही पड़ेगा। मेरी राहुल गांधी से यही शिकायत है कि वह निर्णायक रूप से काम नहीं कर रहे हैं।
मैं कई बार उन्हें यह कहा है। वह इस पर बहुत बार नाराज भी हुए हैं कि मैं वही चीज बार-बार क्यों दोहराता रहता हूं। 2014 के बाद लगातार चुनाव हारने और पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें आधुनिक समय के मुताबिक कांग्रेस को उसी अनुरूप ढालना होगा और मिडिल क्लास की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को पार्टी के लिए एक नया कोर्स तैयार करना होगा। जब यह पूछा गया कि यह कौन कर सकता है तो उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान को यह करना है, राहुल गांधी को यह करना है। AICC के जनरल सेक्रेटरी ने यह भी कहा कि 2014 में मिली हार पर बनाई गई एके एंटनी कमिटी की सिफारिशें लागू होनी बाकी हैं।
दिग्विजय ने कहा कि रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने 150 से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी के राज्य और जिला इकाइयों से चर्चा की। रिपोर्ट 28 फरवरी 2015 को सौंपी गई थी और इसी के मद्देनजर एक नई कांग्रेस का मसौदा तैयार होना था। दुर्भाग्यवश एेसा हो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही जानते हैं कि कब रिपोर्ट की सिफारिशें लागू होंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व की परेशानी नहीं है और कार्यकर्ताओं को एक जुट रखने में गांधी परिवार ही अहम भूमिका निभा रहा है। भविष्य में प्रियंका गांधी वाड्रा का किरदार क्या होगा, इस पर दिग्विजय ने कहा कि यह उनके परिवार का फैसला होगा। पूरे देश में पार्टी के कार्यकर्ता बहुत खुश होंगे, अगर प्रियंका गांधी राजनीति में आती हैं।