ज्ञान भंडार
डाके के बाद सिर्फ डेढ़ माह में समता कॉलोनी कैमरे और अलार्म से हुई लेस
दस्तक टाइम्स/एजेंसी- छत्तीसगढ़ : रायपुर. डकैती के सिर्फ 50 दिन के भीतर समता कालोनी की ज्यादातर सड़कों और गलियों को सीसीटीवी कैमरे से कवर कर लिया गया है। कालोनी की विद्या वाटिका रेसीडेंसी में डाका पड़ा था। वहां तो लोगों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। छतों पर मोशन सेंसर लगा दिया गया है। रात में बटन ऑन करते ही सेंसर चालू हो जाएगा और खतरे की घंटी बजने लगेगी। आवाज सुनते ही लोग समझ जाएंगे कि घर पर छत पर चोर या डकैत हैं। पुलिस और आस-पास के लोगों को तुरंत अलर्ट कर मदद बुलवा ली जाएगी।
समता कालोनी की विद्या रेसीडेंसी में 31 अगस्त और 1 सितंबर की दरमियानी रात सनसनीखेज डाका पड़ा था। उसी के बाद कालोनी वाले सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने में लगे हैं। डाके के बाद पुलिस ने सीसी कैमरे के फुटेज से इनपुट लेने के प्रयास किए थे। कई कैमरे बंद थे, तो कई का कवरेज सड़क तक था ही नहीं। सुरक्षा के इंतजामों की सच्चाई सामने आने के बाद भास्कर ने कालोनी में जागरुकता अभियान चलाया था। उसी के बाद कालोनी वाले एकजुट हुए और तगड़े इंतजाम करने के लिए मंथन शुरू हुआ। अाखिरकार कालोनी वालों ने मोशन सेंसर सिस्टम लगाया। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम हाईटेक है। इसका सेंसर खतरे की घंटी से कनेक्ट है। रात में सोने से पहले बटन चालू करते ही यह एक्टिवेट हो जाता है। उसके बाद छत पर किसी के भी कदम पड़ते ही खतरे का सायरन बजने लगता है।
गार्ड भी लेगा तस्वीरें
कालोनी में रहने वाले आलोक अग्रवाल ने बताया कि सार्वजनिक तौर पर लगाए गए सिस्टम में लगभग दो लाख खर्च आया है। इसके लिए पूरी कालोनी वालों ने संसाधन जुटाए हैं। सभी के सहयोग से पूरी कालोनी हाई टेक सुरक्षा इंतजामों से लैस हो गई। पकरणों के अलावा सुरक्षा व्यवस्था के अन्य इंतजाम भी किए गए हैं।
कालोनी में रहने वाले आलोक अग्रवाल ने बताया कि सार्वजनिक तौर पर लगाए गए सिस्टम में लगभग दो लाख खर्च आया है। इसके लिए पूरी कालोनी वालों ने संसाधन जुटाए हैं। सभी के सहयोग से पूरी कालोनी हाई टेक सुरक्षा इंतजामों से लैस हो गई। पकरणों के अलावा सुरक्षा व्यवस्था के अन्य इंतजाम भी किए गए हैं।
यहां रहने वाले सभी लोगों को स्टीकर जारी किया गया है। ये स्टीकर गाड़ियों में लगाए जाएंगे। कालोनी के एंट्रेंस पर गार्ड स्टीकर देखकर ही गाड़ी को भीतर आने देगा। बाहर के लोग रिफरेंस देंगे और यह कंफर्म हुआ, तभी गार्ड उन्हें भीतर आने देगा। गार्ड को स्मार्ट फोन दिया जा रहा है ताकि वह भी आने वाले लोगों की पर्सनैलिटी फोटो ले सके।
पैनिक हूटर बजते ही पड़ोसी समझ जाएंगे…खतरा है
छतों पर मोशन सेंसर सिस्टम लगाने के साथ ही लोगों ने अपने अपने घरों में पैनिक हूटर लगा दिया है। यह हूटर केवल एक बटन से कनेक्ट है। इसका बटन दबाते ही पूरी कालोनी के घरों में खतरे का सायरन बजने लगेगा। कालोनी वालों को पता चल जाएगा कि किस घर में खतरा है। लोगों ने बताया कि किसी के घर अगर मोशन सेंसर सिस्टम से बचकर कोई डकैत या चोर घुस आए तो केवल एक बटन दबाने से आस-पास रहने वाले सभी घरों में खतरे की घंटी बजने लगेगी और लोग मदद करने पहुंच जाएंगे। हूटर की आवाज करीब डेढ़ किलोमीटर सुनाई देगी।
छतों पर मोशन सेंसर सिस्टम लगाने के साथ ही लोगों ने अपने अपने घरों में पैनिक हूटर लगा दिया है। यह हूटर केवल एक बटन से कनेक्ट है। इसका बटन दबाते ही पूरी कालोनी के घरों में खतरे का सायरन बजने लगेगा। कालोनी वालों को पता चल जाएगा कि किस घर में खतरा है। लोगों ने बताया कि किसी के घर अगर मोशन सेंसर सिस्टम से बचकर कोई डकैत या चोर घुस आए तो केवल एक बटन दबाने से आस-पास रहने वाले सभी घरों में खतरे की घंटी बजने लगेगी और लोग मदद करने पहुंच जाएंगे। हूटर की आवाज करीब डेढ़ किलोमीटर सुनाई देगी।
हाई पॉवर सीसी कैमरे, अब तक 20 कैमरे लगाए गए
समता कालोनी विद्या वाटिका रेसीडेंसी के पूरे कैंपस में हाई विजिबिलिटी यानी ज्यादा पॉवरफुल कैमरे लगाए गए हैं। रात के अंधेरे में भी आने-जाने वालों के चेहरे स्पष्ट नजर आएंगे। कैमरों का एंगल भी ऐसा तय किया गया है कि पूरी की पूरी कालोनी कैमरे में कवर हो सके। आमतौर पर लोग सुरक्षा के लिए घरों या आसपास कैमरे तो लगाते हैं लेकिन न तो उसकी विजिबिलिटी स्पष्ट रहती है और न ही एंगल सही रहता है। पूरी कालोनी में अभी तक 20 कैमरे लगाए जा चुके हैं, इनमें 10 कैमरे लोगों ने मिलकर लगाए हैं। कैमरे की रिकार्डिंग दो जगहों पर हो रही है। किसी एक घर में रिकार्डिंग बंद होने पर दूसरा विकल्प उपलब्ध रहेगा।
समता कालोनी विद्या वाटिका रेसीडेंसी के पूरे कैंपस में हाई विजिबिलिटी यानी ज्यादा पॉवरफुल कैमरे लगाए गए हैं। रात के अंधेरे में भी आने-जाने वालों के चेहरे स्पष्ट नजर आएंगे। कैमरों का एंगल भी ऐसा तय किया गया है कि पूरी की पूरी कालोनी कैमरे में कवर हो सके। आमतौर पर लोग सुरक्षा के लिए घरों या आसपास कैमरे तो लगाते हैं लेकिन न तो उसकी विजिबिलिटी स्पष्ट रहती है और न ही एंगल सही रहता है। पूरी कालोनी में अभी तक 20 कैमरे लगाए जा चुके हैं, इनमें 10 कैमरे लोगों ने मिलकर लगाए हैं। कैमरे की रिकार्डिंग दो जगहों पर हो रही है। किसी एक घर में रिकार्डिंग बंद होने पर दूसरा विकल्प उपलब्ध रहेगा।