चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रियल स्टेट कंपनी हरियाणा सरकार द्वारा डीएलएफ को गुड़गांव में 350 एकड़ जमीन का आवंटन शनिवार को रद्द कर दिया क्योंकि इसकी प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष, उचित और तार्किक नहीं थी। अदालत ने किसानों और दूसरे लोगों की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए वजीराबाद इलाके में किए गए आवंटन को रद्द किया। इन याचिकाओं में भूमि अधिग्रहण और जमीन डीएलएफ को दिए जाने को चुनौती दी गई थी। राज्य सरकार ने इस भूमि का आवंटन बीते 3 सितंबर को किया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि डीएलएफ को अधिग्रहित भूमि के आवंटन के पारदर्शी, निष्पक्ष, उचित और तार्किक नहीं होने के कारण उसे खारिज किया जाता है। अदालत ने कहा कि अगर नई बोली में सरकार को अधिक राजस्व मिलता है तो डीएलएफ को भूमि का आवंटन रद्द रहेगा और कंपनी को उसका पैसा लौटा दिया जाएगा। हालांकि अगर पूर्व की तुलना में बेहतर बोली नहीं लगती है तो राज्य सरकार को भूमि आवंटन बहाल करने की स्वतंत्रता होगी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अमोल रतन सिंह की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक महीने के भीतर इस भूमि के आवंटन के लिए नए सिरे से अंतरराष्ट्रीय बोली आमंत्रित करने को लेकर शर्तें तय करने के मकसद से एक परियोजना सलाहकार की नियुक्ति करे। एजेंसी