डीजल वाहनों के पंजीकरण मामले में कार विक्रेता एनजीटी पहुंचे
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अपने उस आदेश में बदलाव की याचिका पर सुनवाई पर सहमति जता दी जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण के चिंताजनक स्तर के मद्देनजर डीजल से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा।
साल 2015 में निर्मित डीजल कारों को बिकने की अनुमति दी जानी चाहिए
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘कल इसे आने दीजिए।’’ दिल्ली के कार विक्रेताओं की ओर से वरिष्ठ वकील पिनाकी मिश्रा ने इस आधार पर आदेश में बदलाव की मांग की कि साल 2015 में निर्मित डीजल कारों को बिकने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि मौजूदा स्टॉक अगले साल तक पुराना हो जाएगा।
कोई पिछले साल की बनी कार नहीं खरीदेगा
मिश्रा ने कहा, ‘‘मौजूदा स्टॉक पुराना हो जाएगा। कोई पिछले साल की बनी कार नहीं खरीदेगा।’’ अधिकरण ने एक अंतरिम उपाय के तौर पर आदेश दिया था कि दिल्ली में डीजल से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा और ऐसे 10 साल से अधिक पुराने वाहनों के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
एनजीटी ने केंद्र और राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया था कि अपने विभाग के लिए कोई डीजल वाहन नहीं खरीदने के बारे में सोचें। अधिकरण ने सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों, निगमों, डीडीए, पुलिस और अन्य सरकारी विभागों को डीजल वाहनों को और खासतौर पर ट्रकों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की कार्ययोजना तैयार करने और 6 जनवरी तक जमा करने को कहा था जो इन सभी निकायों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं।