नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण की बहुप्रतीक्षित आवास योजना 2014 का ड्रॉ मंगलवार को संपन्न हो गया और हजारों आवेदकों ने जहां फ्लैट मिलने की खुशियां मनाईं वहीं लॉटरी में नाम नहीं आने पर अन्य लोग निराश दिखे। महत्वाकांक्षी योजना में विभिन्न श्रेणियों में 25040 फ्लैट हैं जो राष्ट्रीय राजधानी में हैं। योजना के तहत 10 लाख आठ हजार 985 लोगों ने आवेदन किए थे जो एजेंसी के इतिहास में सर्वाधिक है। डीडीए के उपाध्यक्ष बलविंदर कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दस लाख आठ हजार 985 आवेदन मिलने के बावजूद रिकॉर्ड 40 दिनों के अंदर ड्रॉ समाप्त हो गया। दिल्ली उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश मंजू गोयल, नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर के महानिदेशक महेश चंद्रा और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर अंशुल कुमार की देखरेख में ड्रॉ हुआ।
बलविंदर कुमार ने कहा कि सामान्य श्रेणी के आवेदकों को मांग सह आवंटन पत्र सौंपा जाएगा और आरक्षित श्रेणी के आवेदकों को उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद यह पत्र सौंपा जाएगा। डीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि हर आवंटी को आईडी और पासवर्ड मुहैया कराया जाएगा जिसके माध्यम से वह स्थिति को देख सकेगा। आवंटियों को एसएमएस और ई-मेल के माध्यम से भी सूचित किया जाएगा। ड्रॉ नियत समय पर सुबह साढ़े 11 बजे डीडीए मुख्यालय में शुरू हुआ और और दो घंटे के अंदर समाप्त हो गया। कोंडली में जनता फ्लैट हासिल करने वाले अमित रॉय सफल आवेदकों में अपना नाम देखकर खुशी से झूम उठे। निजी सेक्टर में एक्जीक्यूटिव राय ने कहा कि मैं अब बहुत खुश हूं कि मेरा अपना छत होगा क्योंकि पिछले छह वर्षों से अब तक मैं किराये के घर में रह रहा था। मैंने डीडीए आवास योजना 2010 के लिए भी आवेदन किया था लेकिन उस समय सफल नहीं रहा। एजेंसी