डीयू : स्मृति ईरानी की डिग्री का नहीं मिल रहा रिकॉर्ड
एजेंसी/ नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर उपजा विवाद गहराता जा रहा है। मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन ने पटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि वर्ष 1996 में मंत्री द्वारा की गई बीए की पढ़ाई से संबंधित रिकॉर्ड उसे नहीं मिल रहा है।
वर्ष 2004 में दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव के लिए नामांकन भरते वक्त स्मृति ईरानी ने खुद को डीयू से पत्राचार माध्यम से बीए पास बताया था। महानगर दंडाधिकारी हरविंदर ने डीयू प्रशासन को इस बाबत अदालत में रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।
पत्राचार विभाग के रजिस्ट्रार ओपी तंवर ने अदालत को बताया कि उन्हें दस्तावेजों की तलाश करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए। उन्होंने अदालत के समक्ष स्मृति ईरानी द्वारा वर्ष 1993-94 में बीकॉम की पढ़ाई के लिए भरे गए एडमिशन फार्म के दस्तावेज प्रस्तुत किए। अदालत ने उत्तरी दिल्ली जिले के एसडीएम को वर्ष 2004 में चुनाव लड़ते वक्त ईरानी द्वारा दिए गए दस्तावेज की कॉपी 6 जून तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
अदालत के आदेश पर उत्तर प्रदेश के अमेठी व गुजरात विधानसभा के उप सचिव मंगलवार को अदालत में पेश हुए। गुजरात विधान सभा के उप सचिव ने वर्ष 2011 में स्मृति ईरानी द्वारा गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से नामांकन भरते वक्त दिए गए दस्तावेज मुहैया कराए।
एसडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने अमेठी के गौरीगंज से वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरते वक्त ईरानी द्वारा दिए गए दस्तावेज अदालत में पेश किए। याचिकाकर्ता अहमेर खान की तरफ से वकील केके मेनन ने अदालत में कहा था कि ईरानी ने जानबूझकर चुनाव आयोग के समक्ष दिए हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता को लेकर अलग-अलग जानकारी दी। ऐसा करना भारतीय दंड संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अपराध है।