स्वास्थ्य

डेंगू के बुखार से बचने के लिए नीम के पत्तों का करें इस्तेमाल

डेंगू एक वायरल फीवर है जो वेक्टर-बोर्न डिजीज है, जिसका अर्थ है कि इसे फैलने के लिए एक वेक्टर (ट्रांसमीटर) की आवश्यकता है।

एडीज इस भयानक वायरस के लिए वेक्टर है। डेंगू होने पर आपको बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और रैशेष हो सकते हैं। कई मामलों में आपको थकान भी हो सकती है।

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डेंगू से बचने के लिए आपको कई सावधानियां बरतनी होती हैं। आप इसके लिए नीम के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम के पत्ते इम्युनिटी बढ़ाते हैं। आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल सदियों से कई रोगों के इलाज में किया जा रहा है। नीम के लगभग हर हिस्से में कई औषधीय लाभ हैं। जानिए नीम के इस्तेमाल डेंगू से लड़ने के लिए क्यों किया जाता है।

1. नीम का पानी नींबिन (Nimbin) और निम्दीडीन (Nimbidin) नीम के पत्तों में पाए जाने वाले केमिकल्स हैं जिनका एंटी-माइक्रोबियल, एंटी प्योरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव पड़ता है। दिन में दो से तीन बार नीम के पत्तों का पानी पीने से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ते हैं।

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2. नीम का रस और पपीते के पत्ते का रस नीम के पत्तों का रस पपीते के पत्तों के रस के साथ मिलाकर पीना डेंगू के इलाज के लिए बेहतर उपाय है।

3. नीम के पत्तों का सेवन रोजाना नीम के पत्ते चबाने से इम्युनिटी बढ़ती है, खून साफ होता है और बॉडी से टोक्सिन निकलते हैं।

4. नीम का तेल नीम का तेल मच्छरों से राहत पाने का बेहतर उपाय है। इसे लगाने से आपको डेंगू के मच्छर नहीं काटते हैं।

5. नीम के पत्तों का धुआं निवारण हमेशा इलाज से बेहतर है। डेंगू को रोकने के लिए मच्छरों से बचाव करना सबसे अच्छा उपाय है। मच्छरों से राहत पाने के लिए सूखे नीम के पत्तों को जलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

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