डेटा सुरक्षित करने में असफल फेसबुक को देना पड़ेगा 3 अरब 42 करोड़ रुपए का जुर्माना
वॉशिंगटन : सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। अमेरिकी नियामक की ओर से साइट पर यूजर्स की निजता और डेटा की सुरक्षा करने में असफल रहने पर पांच बिलियन डॉलर का जुर्माना तय किया गया है। अखबार की ओर से बताया गया है कि फेडरल ट्रेड कमीशन की तरफ से इुई वोटिंग में 3-2 से जुर्माने का फैसला किया गया। दो डेमोक्रेटिक सदस्य जो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एजेंसी से जुड़े हैं, वे जुर्माने की बात से सहमत नहीं थे। न्यूज एजेंसी एएफपी की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
साल 2011 के मामले में ‘सजा’ रिपोर्ट के मुताबिक निजता के उल्लंघन में यह अभी तक के जुर्माने की सबसे बड़ी राशि है जो फेसबुक पर तय की गई है। हालांकि अभी इसे अमेरिकी न्याय विभाग की मंजूरी मिलना बाकी है। फेसबुक की ओर से अभी तक इस पर कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। फेसबुक की ओर से इस वर्ष की शुरुआत में उम्मीद जताई गई थी कि उसे कानूनी लड़ाई में तीन से पांच बिलियन डॉलर तक का जुर्माना यूजर डेटा के उल्लंघन की वजह से अदा करना पड़ा सकता है। एफटीसी की ओर से पिछले वर्ष इस बात का ऐलान किया गया था कि वह साल 2011 के एक प्राइवेसी सेटलमेंट मामले की जांच फिर से करने जा रही है। मुश्किल में पड़ गए थे मार्क जुकरबर्ग एफटीसी की ओर से यह घोषणा उस समय की गई थी जब पिछले वर्ष कैंब्रिज एनालिटिका का मामला सामने आया था। कैंब्रिज एनालिटिका जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी कैंपेन से जुड़ी थी, उससे जुड़ा स्कैंडल सामने आया। इस स्कैंडल में खुलासा हुआ था कि साल 2016 में ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान लाखों यूजर्स के प्राइवेट डाटा के साथ छेड़छाड़ की गई थी। फेसबुक को इसके बाद कई मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ा था। फेसबुक के को-फांउडर मार्क जुकरबर्ग को तो अमेरिकी कांग्रेस के सामने गवाही तक देनी पड़ी थी।