डेल्टा वेरिएंट से वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना होना आम, ताजा रिपोर्ट में खुलासा
देश में डेल्टा वेरिएंट के कारण कोरोना के मामले रिकॉर्ड रफ्तार से आगे बढ़ रहे है. दक्षिण भारत में डेल्टा वेरिएंट के मामलों में तेजी आ रही है. अब इसके पीछे की वजह का भी खुलासा हुआ है. जीनोम समूह जीनोम समूह इंडियन SARS-CoV-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) की ताजा रिपोर्ट बताती है ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन का बड़ा कारण कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि गंभीर बीमारी मौत के खिलाफ वैक्सीन काफी प्रभावी है. तेजी से बड़े ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन यानि वैक्सीन लेने के बाद भी कोविड-19 संक्रमण के मामलों के चलते लोगों के मन में नए वेरिएंट्स को लेकर डर तैयार हो गया था.
इस रिपोर्ट में बताया गया कि डेल्टा वेरिएंट के कारण पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे असली वजह डेल्टा वेरिएंट ही है. इस वेरिएंट में लोगों को संक्रमित करने की क्षमता अन्य वेरिएंट के मुकाबले अधिक है. कंसोर्टियम ने अपनी रिपोर्ट में बताया, ‘भारत भर में जारी प्रकोप का जिम्मेदार डेल्टा, अतिसंवेदनशील आबादी, ट्रांसमिशन रोकने में वैक्सीन प्रभावकारिता में कमी फैलने के मौकों को कहा जा सकता है.’भारत में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 3 करोड़ 23 लाख 22 हजार 258 मामले मिल चुके हैं. वहीं, महामारी में 4 लाख 33 हजार 49 मरीज जान गंवा चुके हैं. बीते बुधवार को भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 36 हजार 401 नए मामले दर्ज किए गए थे. उस दौरान 530 मरीजों की मौत हुई थी.
रिपोर्ट में बताया गया कि टीकाकरण से गंभीर बीमारी को रोकने मौतों की संख्या को कम करने में काफी मदद मिलती है. INSACOG 10 राष्ट्रीय लैब का समूह है, जिसका गठन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से किया गया था. वहीं दूसरी तरफ 6.7 करोड़ की आबादी वाले ब्रिटेन में अप्रैल 2021 तक कोरोना के 18 लाख मामले सामने आए. इससे पहले भारत सरकार डेल्टा वेरिएंट को बड़ा वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताते हुए समूह ने लोगों से जल्द से जल्द टीकाकरण कराने की अपील की है.