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डॉक्टर्स की टीम जो दे रही थमते हुए दिलों को धड़कन, लाखों का इलाज मुफ्त

doc_1445813473दस्तक टाइम्स/एजेंसी- छत्तीसगढ़: रायपुर/ बिलासपुर. डॉक्टर्स की एक टीम बिलासपुर में थमते हुए दिलों को धड़कन देने का काम कर रही है, वो भी बिल्कुल मुफ्त। ये डॉक्टर दिल के खराब वाॅल्व का महंगा ऑपरेशन फ्री में करवा रहे हैं। इसमें आमतौर पर 4 लाख रुपए तक खर्च होता है। पिछले दो सालों में 17 लोगों का आॅपरेशन किया जा चुका है, जिन्हें नई जिंदगी मिली। जरूरत के मुताबिक इनका इलाज दिल्ली के एम्स से लेकर रायपुर के नारायण ह्दयालय में कराया गया। डॉक्टर्स इसके लिए रोटरी क्लब का सहयोग जरूर ले रहे हैं, लेकिन गरीबों को इलाज मुफ्त में मिल रहा है। इस मिशन का नाम डॉक्टरों ने रोटरी क्लब आॅफ ट्रांस अरपा दिया है। अब तक जिन 17 लोगों का इलाज हुआ है, उनमें तीन का इलाज दिल्ली एम्स और 14 लोगों का इलाज रायपुर में किया गया है।
 
पीलिया-डेंगू के साथ कैंसर का भी इलाज
 
गनियारी के जन स्वास्थ्य सहयोग केंद्र में सर्दी-बुखार से लेकर कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का इलाज भी होता है। स्वास्थ्य केंद्र का दावा है कि निजी अस्पतालों से 10 गुना और सरकारी अस्पतालों (सिम्स बिलासपुर) से 3 गुना सस्ते दर पर ऑपरेशन किया जाता है। यहां पैथालॉजी के साथ अन्य जांच की सुविधा मौजूद है। केंद्र में 70 बेड का जनरल वार्ड है, जिसमें आईसीयू की तरह 24 घंटे डॉक्टर और टीम मौजूद रहती है।
 
गरीबों का ही इलाज
 
डॉक्टर्स ये जरूर देखते हैं कि जिसकी मदद की जा रही है, वे कितने सक्षम हैं। अगर आर्थिक रूप से वह इलाज और आॅपरेशन कराने में सक्षम होता है तो उसे पहले मुफ्त में सेवा दे दी जाती है। बाद में रेफर कर दिया जाता है। लेकिन अगर मरीज सक्षम नहीं है तो दवाई से लेकर आॅपरेशन, खाना-पीना, रहना सब कुछ डॉक्टर्स की टीम करती है। इतना ही नहीं, आॅपरेशन के बाद इनकी देखभाल करने का जिम्मा भी ये डॉक्टर्स ही उठाते हैं।
 
कैसे किया जा सकता है डॉक्टर्स से संपर्क
 
चूंकि सभी डाक्टर्स अलग-अलग जगह प्रैक्टिस करते हैं तो एक केंद्र के रूप में गनियारी में जन स्वास्थ्य सहयोग सेंटर को केंद्र बनाया गया है। कोई भी जरूरतमंद गनियारी के अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं।
 
क्या होता है हार्ट वाल्व
 
हृदय में झिल्लीनुमा संरचना वाले चार हार्ट वाल्व होते हैं। चार कक्षों वाले हृदय में वाल्व का काम लगातार एक दिशा में रक्त संचरण को बनाए रखना होता है। वाल्व ऊपरी और निचले कक्षों के प्रवेश और निकास द्वार पर मौजूद रहते हैं। इनका काम ब्लड को आगे प्रवाहित करना और पीछे लौटने से रोकना होता है।
 
क्यों करते हैं हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी
 
हार्ट वाल्व रिपेयर या रिप्लेसमेंट सर्जरी वाल्व क्षतिग्रस्त होने या ठीक से काम नहीं करने पर किया जाता है। वाल्व के कठोर होने पर दिल की मांसपेशियों को ब्लड खींचने के लिए ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है। मरीज की बीमारी के लक्षण और उसकी हृदय जांच के आधार पर डॉक्टर यह निर्णय लेता है कि वाल्व की सर्जरी कर रिपेयर किया जाए या फिर इनका रिप्लेसमेंट किया जाए। रिप्लेसमेंट में पुराने वाल्व को बदल दिया जाता है। हार्ट वाल्व की रिपेयर या रिप्लेसमेंट करने की प्रक्रिया को ओपन हार्ट सर्जरी कहते हैं। इसमें सर्जन मरीज के सीने को ऑपरेशन रूम में खोलता है।
 
इसके बाद वाल्व को रिपेयर या रिप्लेसमेंट के दौरान हार्ट के फंक्‍शन को कुछ समय के लिए रोका जाता है। हृदय को खोलने के बाद डॉक्टर मरीज की ब्रेस्‍टबोन को काटता है और इसे एक तरफ अलग कर देता है। हार्ट के दिखाई देने के बाद डॉक्टर दिल के अंदर ट्यूब को फिट कर देता है, ताकि सर्जरी के दौरान हार्ट लंग मशीन के माध्यम से खून का प्रवाह सामान्य तरीके से चलता रहे। ब्लड के प्रवाह के लिए बायपास मशीन होती है, क्‍योंकि जितनी देर तक सर्जन हार्ट वाल्व की मरम्मत या बदलने की प्रक्रिया करता है, उस दौरान हार्ट को बंद कर दिया जाता है। इस दौरान रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से चलाने के लिए हार्ट लंग मशीन होती है।
 
दिल्ली एम्स से लेकर नारायण हृदयालय अस्पताल तक में करा रहे हैं इलाज
 
केस 1- चमेली बाई : दो लाख रुपए का खर्च उठाया
उम्र-40 वर्ष। पति मजदूरी करते हैं। जांजगीर चांपा से आई थी। बीमार थी। गनियारी अस्तपाल में इलाज चल रहा था। पता चला वाॅल्व खराब है। इलाज के लिए आॅपरेशन जरूरी था पर पैसे नहीं थे। डॉक्टरों ने आॅपरेशन का निर्णय लिया। रायपुर में आॅपरेशन कराया गया। 2 लाख का खर्च आया।
 
केस 2- दीपा सतनामी : फ्री में हुआ पूरा इलाज
 
उम्र 11 साल। गनियारी निवासी। सीने में लगातार दर्द की शिकायत रहती थी। बिलासपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया। काफी पैसा खर्च हो गया। किसी ने गनियारी अस्पताल के बारे में बताया। यहां आने के बाद डॉक्टरों ने फिर संपर्क किया। इलाज में 2.50 लाख का खर्च आया।
 
केस 3- रमोद्दीन बाई गोड़ : डॉक्टरों ने मुफ्त में बदलवाया वाल्व
 
उम्र 38 साल। कोटा इलाके में डॉक्टरों ने कैंप किया था। वहां इलाज के लिए पहुंची। पता चला वाॅल्व खराब है। तुरंत इलाज की जरूरत थी। खेती किसानी करने वाली रमोद्दीन के पास पैसे नहीं थे। तकरीबन तीन लाख की जरूरत थी। डॉक्टर्स ने फ्री में आॅपरेशन करवाया। अब स्वस्थ हैं।
 
ऐसे खोजते हैं मरीज
 
टीम में निजी अस्पतालों के सीनियर डॉक्टर देवेन्दर सिंह, डॉ. मनोज राय, डॉ. सुनील केडिया, गनियारी के डॉ. वाय एस परिहार, अमित पाल टूटेजा सहित कुछ और डॉक्टर्स हैं। ये गांव-गांव में कैंप लगाकर वहां दिल के मरीजों की तलाश करते हैं। कैंप में चेकअप कर दवाई भी दी जाती है। बीमारी गंभीर होने पर आॅपरेशन के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। डॉक्टर्स कैंप के बाद संदेश देकर आते हैं कि जरूरतमंद गनियारी अस्पताल में भी संपर्क कर सकते हैं।
 
हेल्प लाइन
 
गनियारी : 07753-244819
बिलासपुर: 07752-270143
 

 

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