उत्तर प्रदेश

डॉ. कफील है बच्चों की मौत के जिम्मेदार, ऑक्सीजन सिलेंडर चुराने का आरोप

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की कमी से अस्पताल में हुई बच्चों की मौत ने राज्य में बवाल मचा रखा है। यहां तक कि मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी भी इस बात से चिंतित है। रविवार को सीएम योगी मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा था कि बच्चों कि मौत के पीछे जो भी दोषी होगा उससे बख्शा नहीं जाएगा। जिसके बाद रविवार को अस्पताल के सुपरिंटेंडेट और वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर कफील खान को सभी ड्यूटी से हटा दिया गया है। हालाँकि उन्होंने अपनी जेब से पैसा खर्च कर अस्पताल में गैस का इंतजाम कराया था। साथ ही अपनी पहचान के डॉक्टरों से भी ऑक्सीजन का इंतजाम कराने की मदद ली। लेकिन फिर भी अब कफील से जुड़ी कई नई बातें सामने आ रही हैं जो कि बिल्कुल अलग कहानी को दर्शाती हैं। उन पर आरोप है कि वो अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी क्लीनिक पर इस्तेमाल किया करते थे। जानकारी के मुताबिक कफील और प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के बीच गहरी साठगांठ थी और इस हादसे के लिए दोनों सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।

लेकिन हादसे के बाद से ही उन्हें फरिश्ते की तरह दिखाया गया था, कहा जा रहा है कि इसमें उन्होंने अपने पत्रकार दोस्तों की मदद ली। डॉ. कफील मेडिकल कॉलेज की खरीद कमेटी का मेंबर हैं, उन्हें भी ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी थी। लेकिन सीएम योगी के हॉस्पिटल विजिट के समय उसने भी उन्हें ऑक्सीजन की बकाया रकम के बारे में कुछ नहीं बताया। मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है कि डॉक्टर कफील वहां होने वाली हर खरीद में कमीशन लेता था और उसका एक तय हिस्सा प्रिंसिपल राजीव मिश्रा तक पहुंचाता था। ऑक्सीजन कंपनी पुष्पा सेल्स के साथ चल रहे विवाद में भी राजीव मिश्रा के साथ कफील का बड़ा हाथ था। बता दें कि मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों ने हमें बताया कि शुक्रवार को जब बच्चों की मौत की खबर पर हंगामा मचा तो कफील अपने प्राइवेट अस्पताल में थे। वहां से उन्होंने कुछ सिलेंडरों को अस्पताल भिजवा दिया क्योंकि ये वो सिलेंडर थे जो वो खुद मेडिकल कॉलेज से चोरी करके ले गए थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि इन सिलेंडरों का इंतजाम उन्होंने अपनी जेब से किया है जबकि ऐसा कुछ नहीं था।

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