डॉ. लोहिया के जीवन आदर्शों व सिद्धांतों से लें प्रेरणा : नाईक
जयंती पर याद किए गए डा. लोहिया
लखनऊ (ईएमएस)। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयन्ती के मौके पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद कहा कि वे एक दार्शनिक थे। डॉ. लोहिया कार्ल्स मार्क्स के विचारों को अधूरा मानते हुये कहते थे कि उसे भारतीय पृष्ठभूमि से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया के जीवन आदर्शों व सिद्धांतों से प्रेरणा प्राप्त करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
श्री नाईक गुरूवार को यहां लोहिया पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके तथा उनके चित्र पर माल्यार्पण करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे डॉ. लोहिया को करीब से जानते हैं। मुंबई में रहते हुये उनके समाजवादी विचारधारा के वरिष्ठ नेताओं से अच्छे संबंध थे। राज्यपाल ने डॉ. लोहिया के कथन ‘लोग मेरी बात सुनेंगे जरूर, लेकिन मेरे मरने के बाद’ को उद्धृत करते हुये कहा कि यह वाक्य उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है। श्री नाईक ने कहा कि डॉ. लोहिया एक प्रसिद्ध समाजवादी विचारक, लेखक, भाषाकार, अर्थशास्त्र एवं मौलिक चिन्तन करने वाले दार्शनिक थे। वे विपक्षी एकता के सूत्रधार थे। कांग्रेस के विरोध में उन्होंने सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया।
8:51 -3/23/2017