डोनाल्ड ट्रंप के बयान की पाकिस्तान के मुसलमानों ने आलोचना
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के मुसलमानों ने अमेरिका की रिपलिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के उमीदवार डोनाल्ड ट्रंप के मुसलमानों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने के बयान की तीखी आलोचना की है। पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता एंव अधिवक्ता असमां जहांगीर ने कहा,च्च्यह ऐसा बेतुका बयान है जिस पर मैं प्रतिक्रिया ही नहीं देना चाहती।उन्होंने कहा यह ऐसा बयान है जिसमें उनका अहंकार झलकता है। यह आश्चर्यजनक है की अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल कोई उमीदवार ऐसा बयान दे सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अमेरिका के मुकाबले लोग कम पढे-लिखे हैं फिर भी हमने कभी ऐसे सोच वाले इंसान को अपना नेता नहीं चुना। पकिस्तान में उलेमा परिषद के प्रमुख ताहिर अशरफी ने बयान की निंदा करते हुए कहा की ट्रंप का यह बयान हिंसा बढाने वाला है। उन्होंने कहा,च्च्अगर कोई मुस्लिम यह कहे कि ईसाई और मुसलमानों के बीच युद्ध है तो हम उसकी निंदा करते हैं तो फिर हम ऐसी बात करने वाले किसी अमेरिकी नागरिक की निंदा क्यों नहीं करें।उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) सीरिया की समस्या है और इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है अगर सीरिया की समस्या को सुलझा लिया जाए तो आईएस की समस्या 75 प्रतिशत तक खुद ही सुलझ जाएगी। इस मुद्दे पर सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ए नासिर ने कहा कि उनकी सरकार किसी दूसरे देश के चुनाव प्रचार में दिए गए भाषण पर प्रतिक्रिया नहीं देगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर हमारा रुख पहले ही साफ है। उन्होंने कहा च्च्दुनिया में सबसे ज्याद मुस्लिम आबादी वाले देश के तौर पर इंडोनेशिया यह मानता है कि इस्लाम शांति और सहिष्णुता सिखाता है। आतंकवादी घटना से किसी धर्म, देश या जाति से कोई संबंध नहीं है।ज्ज् श्री ट्रंप ने कल दक्षिण कैरोलिना में एक चुनावी सभा में कहा था कि अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए। उनके इस बयान की अमेरिका में भी तीखी आलोचन हो रही है।