आईएनएफ संधि से पश्चिमी देशों पर सोवियत संघ के परमाणु हमले का खतरा खत्म हो गया था। यह संधि एक जून 1988 से लागू हो गई थी।
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका और रूस एक परमाणु समझौता करना चाहते हैं। श्री ट्रम्प ने अमेरिका के मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि (आईएनएफ) से आधिकारिक रूप से अलग हाेने से एक दिन पहले गुरुवार को पत्रकारों से यह बात कही। ट्रम्प प्रशासन ने फरवरी में घोषणा की थी कि अमेरिका इस समझौते अलग हो जाएगा और इसके प्रावधानों का पालन नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि रूस लगातार आईएनएफ संधि का उल्लंघन कर रहा है और जब तक वह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का निर्माण करता रहेगा, तब तक अमेरिका इस संधि का पालन नहीं करेगा। अमेरिका की इस घोषणा के अगले ही दिन रूस ने भी इस संधि से हटने की घोषणा कर दी थी।
गौरतलब है कि 1980 में शीत युद्ध के दौरान रूस ने यूरोपीय देशों को निशाना बनाने के उद्देश्य से अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सैकड़ों मिसाइलें तैनात कर दी थीं। मध्यम दूरी की ये मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम थीं। इसके बाद 1987 में शीत युद्ध की स्थिति को खत्म करने के लिए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और अंतिम सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचोव ने एक संधि की थी। इसे ही मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि नाम दिया गया। यह संधि दोनों देशों को जमीन से मार करने वाली ऐसी मिसाइलें बनाने से रोकती है जो परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम हों और जिनकी मारक क्षमता 500 से लेकर 5,500 किलोमीटर तक हो।
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