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डोपिंग में फंसे नरसिंह, ओलिंपिक में हिस्सेदारी संदिग्ध!

narsingh_yadav_23_24_07_2016नई दिल्ली। रियो ओलिंपिक से ठीक पहले पहले भारतीय उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर दो ओलिंपिक पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान सुशील कुमार की जगह 74 किग्रा भार वर्ग में क्वालीफाई करने वाले फ्रीस्टाइल पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में असफल हो गए हैं। इसी के साथ उनके अगले माह होने वाले रियो डि जेनेरियो ओलिंपिक में जाने की उम्मीदें भी धूमिल हो गई हैं।

भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए), खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) सहित सभी अधिकारियों ने इस अति संवेदनशील मामले पर चुप्पी साध ली है। सूत्रों के मुताबिक पांच जुलाई को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने सोनीपत साई केंद्र में पहलवानों का डोप टेस्ट किया था। पिछले सप्ताह आई रिपोर्ट में एक पहलवान असफल हो गया। तीन दिन पहले जब एक कुश्ती कोच ओलिंपिक के एक्रीडिएशन कार्ड लेने आईओए दफ्तर गए तो उन्हें बाकी पहलवानों के कार्ड दे दिए गए लेकिन नरसिंह का कार्ड नहीं दिया गया। उन्होंने कारण जानना चाहा तो नहीं बताया गया।

सूत्रों के अनुसार इसी कारण सोमवार को जॉर्जिया जा रहे भारतीय पहलवानों के दल से भी उनका नाम हटा दिया गया है। वे अब जॉर्जिया भी नहीं जा रहे हैं जहां ओलिंपिक से पहले भारतीय पुरुष पहलवानों को रियो के लिए तैयारी करनी थी।

शरण ने फोन नहीं उठाया : डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह से इस बारे में कई बार बात करने की कोशिश की कई लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। वहीं सचिव विनोद तोमर ने ऐसी जानकारी होने से इंकार किया।

नरसिंह का इंकार : जब इस मामले में नरसिंह से बात की तो उन्होंने डोप टेस्ट में फंसने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा-मुझे ऐसी कोई सूचना नहीं है। डब्ल्यूएफआई इस प्रकरण को दबाने की कोशिश में जुटा है। खेल मंत्री विजय गोयल ने इसकी जानकारी होने से इंकार किया लेकिन कहा कि मैं इस बारे में पता करता हूं।

रियो के लिए काफी माथापच्ची हुई : 74 किग्रा भार वर्ग में महाराष्ट्र के इस पहलवान ने क्वालीफाई किया था। इसके बाद दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता सुशील का रियो जाने का रास्ता रुक गया था। सुशील ने इसको लेकर खेल मंत्रालय से लेकर डब्ल्यूएफआई तक गुहार लगाई थी। सुशील चाहते थे कि नरसिंह से उनका ट्रायल्स करा दिया जाए और जो जीते वह रियो जाए। सुशील इसको लेकर अदालत भी गए थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी थी।

 

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