डौंडियाखेड़ा में खुदाई के 14 दिन बीते, नहीं मिला सोना
डौंडियाखेड़ा (उन्नाव) (दस्तक ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला स्थित डौंडियाखेड़ा में पूर्व राजा राव बख्श सिंह के किले में कथित खजाने की खोज में खुदाई कर रही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने शुक्रवार को 15 सेंटीमीटर खुदाई की लेकिन 14 दिन बाद भी अब तक सोना नहीं मिला।
क्षेत्र के उपजिलाधिकारी (बीघापुर) विजय शंकर दुबे ने बताया कि अब तक 14 दिनों में कुल 2.24 मीटर खुदाई की जा चुकी है। खुदाई में अब चट्टानें मिल रही हैं। अब तक सोना या उसके जैसी कोई धातु नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि खुदाई स्थल पर सुरक्षा के पूर्व की तरह पुख्ता इंतजाम हैं। सीसीटीवी कैमरों से भी खनन स्थल की निगरानी की जा रही है। उधर, स्थानीय लोगों द्वारा बाबा शोभन सरकार को खुदाई स्थल दिखाने की स्थानीय लोगों की मांग पर जिला प्रशासन ने आज उनके चार प्रतिनिधियों को खुदाई स्थल दिखाया। स्थानीय लोगों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी कि एएसआई बड़ी गोपनीयता से खुदाई कर रही है। लोगों को इस बारे में कुछ बताया नहीं जा रहा है। एएसआई सूत्रों के मुताबिक मौजूदा ब्लाक(स्थल) में अब केवल चट्टानें मिल रही हैं। सोना मिलने से आसार बेहद कम हैं। एएसआई अधिकारियों ने कहाकि खुदाई में अब तक मिला रसोई का चूल्हा, हड्डियां, कीलें मिट्टी के बर्तन आदि का परीक्षण किया किया जा रहा है। ये सारी चीजें पुरातात्विक महत्व की हो सकती हैं।
उधर, सोना दबा होने का सपना देखने वाले बाबा शोभन सरकार की तरफ से अभी भी लगातार जमीन के नीचे सोना होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि लगातार उनके दावे एक-एक करके झूठे साबित हो रहे हैं। उनके शिष्य ओम बाबा ने धनतेरस के दिन चट्टानो के नीचे सोना मिलने का दावा किया था। गौरतलब है कि शोभन सरकार के सपने के आधार पर एएसआई अधिकारी डौंडियाखेड़ा में राजा राव बख्श सिंह के खंडहरनुमा किले की विगत 18 अक्टूबर से खुदाई कर रहे हैं। सोना मिलने की संभावना क्षीण होती देख एएसआई की तरफ से बाद में साफ किया गया कि खुदाई सोने के लिए नहीं बल्कि सांस्कृतिक अवशेषों के लिए की जा रही है।