ड्रैगन के खून से बनी ड्रग भरेगी घाव, बन सकेंगे नए एंटीबायोटिक्स…
लंदन (एजेंसी)। शोधकर्ताओं ने कोमोडो ड्रैगन के खून का उपयोग कर एक दवा विकसित की है, जो संक्रमित घावों को ठीक करने में मदद कर सकती है। इसका प्रयोग चूहों पर किया गया था। एक नए एंटीबायोटिक को विकसित कर दवा एंटीबायोटिक रजिस्टेंस से लड़ने में मदद कर सकती है।
वर्जीनिया के जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कोमोडो ड्रैगन में एंटी माइक्रोबिएल प्रॉपर्टीज का अध्ययन कर रहे थे। इन विशालकाय इंडोनेशियाई लिजार्ड की लार में कई बैक्टीरिया होती हैं, इनमें से कुछ कारण ब्लड प्वाइजनिंग (खून को जहरीला करने) या सेप्सिस का कारण बनती हैं। यही कारण है कि उनके काटने के नतीजे बहुत घातक होते हैं। मगर, यह बैक्टीरिया स्वयं ड्रेगन को प्रभावित नहीं करते हैं। इससे पता चलता है कि उनमें कुछ प्रकार के जैविक प्रतिरोध होते हैं।
शोधकर्ताओं की टीम कोमोडो ड्रेगन के खून से एक विशिष्ट पेप्टाइड को पृथक करने में सक्षम थी, जो रोगाणुरोधी गतिविधि दिखाते हैं। जाहिर है कि ये हानिकारक बैक्टीरिया से छिपकलियों की रक्षा करते हैं। इस पेप्टाइड का प्रयोग करने मोनिक वैन होक के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने एक ड्रग का एक सिंथेटिक संस्करण विकसित किया है, जिसे उन्हें डीआरजीएन-1 नाम दिया है। अध्ययन के बाद टीम ने टेस्ट में पाया कि बायोफिल्म्स के विकास से संबंधित दो प्रकार के जीवाणुओं के विरुद्ध यह कैसे प्रभावी था।