तजाकिस्तान की मदीना को हिंदी प्रेम लाया भारत
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
भोपाल। इन दिनों मदीना को बोलते सुन उनके आसपास मौजूद भारतीय लोग हैरान हैं। तजाकिस्तान की रहने वाली मदीना फर्राटेदार हिंदी बोलती हैं। उनके मुंह से निकले हिंदी के शब्द उनके हिंदी भाषी होने का अहसास कराते हैं। उनके दिल में हिंदी ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के प्रति भी विशेष प्रेम है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे तीन दिवसीय 1०वें विश्व हिंदी सम्मेलन में हिस्सा लेने आईं तजाकिस्तान की यह युवा हिंदी पे्रमी बहुत उत्साहित हैं। वह हिंदी को अपना करियर बनाना चाहती हैं। उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि जब पहली बार हिंदी सुनी, तो यह उनके दिल को छू गई। उन्होंने तजाकिस्तान में रहते हुए ही हिंदी सीखी, लेकिन इसमें दक्षता चाहती थीं, इसलिए हिंदुस्तान चली आईं। मदीना ने दिल्ली के केंद्रीय हिंदी संस्थान में नौ माह का पाठ्यक्रम पूरा किया। वह अब आगरा के हिंदी संस्थान में अध्ययनरत हैं। वह हिंदी की अनुवादक बनना चाहती हैं। इसके लिए हिंदी भाषा और साहित्य को जानना जरूरी समझती हैं। वह इस दिशा में जी-जान से अग्रसर हैं। मदीना ने बताया कि वह छह भाषाओं की जानकार हैं, लेकिन तजाकिस्तान की भाषा के बाद सबसे ज्यादा हिंदी पसंद करती हैं। हिंदी ही नहीं, हिंदुस्तान भी उन्हें प्यारा लगता है। उन्हें आगरा शहर भी बहुत पसंद है। वह पिछले पांच वर्षों से भारत में हैं और लगातार हिंदी का अध्ययन कर रही हैं। उनका कहना है कि तजाकिस्तान लौटकर वह हिंदी साहित्य का अपनी भाषा में अनुवाद करेंगी।