तांत्रिक ने 14 साल की लड़की के गले में डाल दी 9 सुइयां, उसके बाद जो हुआ जानकर दंग रह जायेंगे
धर्म एक ऐसी चीज हैं जिसका संबंध मन की शान्ति से और हर परिस्थिति में भगवान पर आस्था रख उम्मीद बनाए रखने से होता हैं. ये एक तरह से हमें सुरक्षा का एहसास भी कराता हैं. लेकिन वक़्त के साथ साथ लोगो ने इस धर्म के कांसेप्ट में कई फेर बदल कर दिए. खासकर कि कुछ बाबा और तांत्रिक लोगो ने अपने हिसाब से ही इस धर्म के नाम पर लोगो को बेवकूफ बनाना शुरू कर दिया. इन चीजों को अन्धविश्वास के नाम से भी जाना जाता हैं. जहाँ एक तरफ आज भारत दिन प्रतिदिन आधुनिकता की ओर बढ़ता जा रहा हैं तो वहीँ कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी सोच आज भी पिछड़ी हुई हैं और वो तांत्रिक जैसे लोगो की बातों में आ जाते हैं. कई बार तो ये तांत्रिक टोटके दिखाने के नाम पर इस हद तक चले जाते हैं कि लोगो की जान पर बन आती हैं. ऐसा ही एक मामला हाल ही में कोलकाता में देखने को मिला हैं.
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में कोलकाता के एनआरएस हॉस्पिटल में 14 साल कीई बच्ची को इमरजंसी रूम में लाया गया. इस बच्ची के गले के अन्दर 9 सुइयां फंसी हुई थी. पहले तो डॉक्टरों को लगा कि बच्ची ने इन सुइयों को निगल लिया होगा. लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो हर किसी के होश उड़ गए. दरअसल लड़की के गले में अटकी ये 9 सुइयां उसने निगली नहीं थी बल्कि एक तांत्रिक ने इसे उसके गले में बाहर से चुभो कर अन्दर घुसाया था.
जिस 14 साल की लड़की के गले में ये 9 सुइयां फंसी थी उसका नाम अपरूपा बिस्वा हैं. अपरूपा नाडिया जिले के कृष्णानगर की रहने वाली हैं. जब उसे इस गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया तो उसके परिवार वालो ने डॉक्टर्स को तांत्रिक वाली बात नहीं बताई. वो तो जब डॉक्टरों ने 3 घंटे की मसक्कत के बाद अपरूपा के गले से 9 सुइयां निकाली और उसे खतरे से बाहर लाया तब उस लड़की ने खुद उन्हें तांत्रिक वाली बात बतलाई.
दरअसल अपरूपा को उसके माता पिता ने अडॉप्ट (गोद) ले रखा था. उनका एक बेटा भी था जिसकी तीन साल पहले मौत हो गई. बेटे की मौत के बाद से ही पेरेंट्स ने लड़की के बर्ताव में कुछ परिवर्तन देखा. ऐसे में उन्हें शक हुआ कि लड़की पर किसी आत्मा का साया हैं. इस चक्कर में वे उसे एक तांत्रिक के पास ले गए. यहाँ तांत्रिक ने अपने टोटके से लड़की को ठीक करने का वादा किया और इसी के चलते उसके गले में बाहर से 9 सुइयां चुभो के गले के अन्दर डाल दी.
लड़की के माता पिता जिसे बुरी आत्मा का साया समझ रहे थे वो दरअसल उसके भाई की मौत के बाद का डिप्रेशन या सदमा था. हालाँकि पेरेंट्स ये बात समझ नहीं सके और अंधविश्वास के चलते उसे तांत्रिक के हवाले कर दिया. आमतौर पर जब किसी व्यक्ति में उदासी, तनाव, गुस्सा जैसी चीजे या अजीब बर्ताव देखा जाता हैं तो उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाया जाता हैं. ऐसे में हमें इन तांत्रिक लोगो के चक्कर में नहीं पढ़ना चाहिए. साथ ही टोटको के नाम पर लोगो की जान से खिलवाड़ करने वाले तांत्रिको के साथ भी कड़ी से कड़ी कारवाई होनी चाहिए.