तालिबान के कहर के बीच काबुल पहुंच गए 3000 अमेरिकी सैनिक, ब्रिटेन से भी आ रहे 600 जवान
वाशिंगटन: तालिबान के कहर के बीच काबुल पहुंच गए 3000 अमेरिकी सैनिक, ब्रिटेन से भी आ रहे 600 जवान, अफगानिस्तान में क्या है प्लान
अफगानिस्तान में तेजी से तालिबान का कब्जा बढ़ने के साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को 3,000 और सैनिकों को काबुल हवाईअड्डे पर पहुंचाया ताकि वहां अमेरिकी दूतावास से अधिकारियों को निकालने में मदद मिल सके।
वहीं, हजारों और सैनिकों को क्षेत्र में तैनाती के लिए भेजा गया है। अमेरिकी अधिकारियों और कर्मियों की सुरक्षित निकासी के लिए सैनिकों की अस्थायी तैनाती से संकेत मिलता है कि तालिबान देश के बड़े हिस्से पर तेजी से कब्जा बढ़ाता जा रहा है। तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के दक्षिणी हिस्से में लगभग पूरा कब्जा कर लिया, जहां उसने चार और प्रांतों की राजधानियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया। अमेरिका के सैनिकों की पूरी तरह वापसी से कुछ सप्ताह पहले तालिबान धीरे-धीरे काबुल की ओर बढ़ रहा है।
अफगानिस्तान को आखिरी बड़ा झटका हेलमंद प्रांत की राजधानी से नियंत्रण खोने के रूप में लगा है जहां अमेरिकी, ब्रिटिश और अन्य गठबंधन नाटो सहयोगियों ने पिछले दो दशक में भीषण लड़ाइयां लड़ी हैं। इस प्रांत में तालिबान को नेस्तानाबूद करने के प्रयासों में संघर्ष के दौरान पश्चिमी देशों के सैकड़ों सैनिक मारे गये। इसका मकसद अफगानिस्तान की केंद्र सरकार और सेना को नियंत्रण का बेहतर मौका देना था।
अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि दूतावास काम करता रहेगा लेकिन हजारों अतिरिक्त अमेरिकी सैनिकों को भेजने का गुरुवार का फैसला इस बात का संकेत है कि तालिबान के दबदबे को रोकने में अफगान सरकार की क्षमता को लेकर अमेरिका का भरोसा अब कमजोर हो रहा है। अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियान को इस महीने के आखिर तक समाप्त करने पर अडिग बाइडन ने गुरुवार सुबह अतिरिक्त अस्थायी सैनिकों को भेजने का आदेश दिया। इससे पहले उन्होंने रात में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों से सलाह-मशविरा किया।