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तालिबान शासन को लेकर बच्चों को एयरपोर्ट पर कंटीले बाड़ों के पार फेंक रहीं अफगान महिलाएं

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान शासन को लेकर सबसे ज्यादा डर अमेरिकी सेना के मददगार लोगों और महिलाओं के बीच फैला है। ऐसे में किसी भी तरह की सजा से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ा जा सके। हालांकि, एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी रोकने के लिए अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने कंटीले तारों के बाड़े बनाए हैं, जिससे सिर्फ चुनिंदा लोगों को मिशन के तहत बाहर निकाला जाए। इस बीच रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे सैनिकों ने एयरपोर्ट पर उपजे भयावह नजारों का जिक्र किया है। कुछ गार्डों का तो कहना है कि महिलाएं एयरपोर्ट के अंदर आने के लिए अपने बच्चों को कंटीले बाड़ों के पार फेंक रही हैं और दूसरी तरफ सैनिकों से उन्हें पकड़ने की अपील कर रही हैं।

ब्रिटिश सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि उनकी सैनिक टीम महिलाओं के इन कदमों को देखकर काफी दुखी हैं। अफसर ने कहा, “ये खतरनाक है। महिलाएं अपने ही बच्चों को कंटीले तारों के पार फेंक रही थीं और सैनिकों से उन्हें कैच करने के लिए कह रही थीं। इस दौरान कुछ बच्चे तारों में ही फंस जा रहे थे।”

काबुल एयरपोर्ट के हालिया समय में कई और वीडियो भी वायरल हुए हैं। इनमें महिलाओं को गेट और बाड़ों के बाहर मदद के लिए रोते-बिलखते देखा जा सकता है। एक वीडियो में महिला कहती है- “हमें बचा लो, तालिबान वाले आ रहे हैं।” इतना ही नहीं एयरपोर्ट पर अमेरिकी और ब्रिटिश सेना की मौजूदगी के बावजूद तालिबान ने बाहर नागरिकों के आसपास घेरा बना रखा है। ऑस्ट्रेलिया की सेना के लिए काम करने वाले एक अफगान नागरिक ने बताया कि वह बुधवार को एयरपोर्ट की लाइन में इंतजार कर रहा था। इसी दौरान तालिबान के एक आतंकी ने उसके पैर पर गोली मार दी।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तेजी से हमले कर अधिकतर प्रांतों पर कब्जा करने के कुछ दिनों बाद तालिबान ने ज्यादा उदार रुख दिखाने का प्रयास किया है। इसके तहत उसने महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने और उन्हें सरकार में शामिल होने का आमंत्रण दिया है। तालिबान के आश्वासनों को लेकर संदेह से भरी कुछ अफगान महिलाएं उनके इन आश्वासनों को होशियार रहकर जांच रही हैं। देश के अधिकतर हिस्सों में, बहुत सी महिलाएं तालिबान के क्रूर शासन के डर से घर पर ही रह रही हैं। काबुल में एक पश्चिमी महिला लेक्चरर ने कहा कि राजधानी में भय का माहौल है। उसने कहा, “उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को तलाश करना शुरू कर दिया है। वे कह रहे हैं कि उन्होंने जनता को अकेला छोड़ दिया है लेकिन यह सच नहीं है।”

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