तिब्बत के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करे चीन : अमेरिका
वाशिगटन : अमेरिकी सीनेट में एक प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें चीनी सरकार के हस्तक्षेप के बिना 15वें दलाई लामा के भविष्य समेत तिब्बती बौद्धों के अधिकार का जिक्र किया गया है। सीनेटर पैट्रिक लेही, डायने फीन्सटीन, टेड क्रूज और मार्को रुबियो ने यह प्रस्ताव पेश किया।
सीनेटर लेही ने कहा कि हम तिब्बत के लोगों के साथ खड़े हैं जो लंबे समय से हमारे अच्छे दोस्त रहे हैं। हम तिब्बत के बौद्धों के अधिकारों के साथ खड़े हैं न केवल तिब्बत में बल्कि दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के अनुसार अपने नेतृत्व को आगे मजबूत बना सकें। उधर, अमेरिका ने चीन से 11वें पंचेन लामा को तत्काल रिहा करने की मांग की। कथित तौर पर करीब दो दशक पहले चीनी अधिकारियों ने उन्हें अगवा कर लिया था। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट के अनुसार 25 अप्रैल को हमने 11वें पंचेन लामा, गेधुन चोएक्यी न्यिमा के जन्मदिन के रूप में चिह्नित किया है, जिन्हें चीनी सरकार ने छह साल की उम्र में दो दशक पहले कथित तौर पर अगवा कर लिया था। हीथर ने कहा, हम इस समय लैरंग गार और याचेन गार मठों को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर भी चिंतित हैं। हम न्यिमा की तत्काल रिहाई और सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को बनाये रखने का आह्वान करते हैं।
अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से तिब्बत की आत्म निर्भरता और उनकी विशिष्ट पहचान की रक्षा समेत तिब्बत के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के लिए समर्थन किया।