अजब-गजबपर्यटनफीचर्ड

तिब्बत, नेपाल, चीन, जापान, म्यांमार, कनाडा, अमेरिका समेत कई देशों के लोग आते हैं बोधगया

पटना : बिहार के गया जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल व धर्मनगरी बोधगया में जैन, बौद्ध और हिन्दू- तीनों ही धर्मों के लोग एकजुट होते हैं। बिहार में ही राजगीर है। गया के तट पर जहां एक और हिन्दू अपने पितरों को पिंडदान देने के लिए एकत्रित होते हैं, वहीं वहां से कुछ किलोमीटर दूर एक स्थान पर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था जिसे आज ‘बोधगया’ कहा जाता है। यहां का महाबोधि मंदिर विश्वप्रसिद्ध है।
बिहार में स्थित बौद्ध गया शहर में बना महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण केन्द्र और पवित्र स्थानों में माना जाता है। यहीं पर बोधि वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को केवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह मंदिर वास्तुकला व बौद्ध धर्म की परम्पराओं का सुन्दर नमूना है। विभिन्न धर्मों एवं सम्प्रदायों के लोग यहां आध्यात्मिक शांति की तलाश में आते हैं। 19वीं सदी में ब्रिटिश पुराविद् कनिंघम तथा भारतीय पुराविद् डॉ. राजेन्द्र लाल के निर्देशन में 1883 ई. में यहां खुदाई की गई और काफी मरम्मत के बाद मंदिर के पुराने वैभव को स्थापित किया गया। ऐतिहासिक एवं धार्मिक बौद्ध मंदिर को वर्ष 2002 ई. में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत सूची में शामिल कर इसे विश्व विरासत घोषित किया गया। यहां देश के ही नहीं पूरे विश्व के पर्यटक खास कर बौद्ध मत में विश्वास रखने वाले धर्मावलम्बी बड़ी संख्या में यहां आते हैं। यह मंदिर विश्व के मानचित्र पर अपना विशेष धार्मिक महत्व रखता है।
मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा किया गया था। मंदिर में भगवान बुद्ध की पद्मासन मुद्रा में भव्य मूर्ति स्थापित है। जनश्रुति के अनुसार यह मूर्ति उसी जगह स्थापित है जहां बुद्ध को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। मंदिर के चारों ओर पत्थर की नक्काशीदार रेलिंग लगी है जो प्राचीन अवशेष है। मंदिर की दक्षिण दिशा में 15 फीट ऊँचा अशोक स्तम्भ नजर आता है जो कभी 100 फीट ऊँचा था। मंदिर पेगोडानुमा बहुअलंकृत आर्य एवं द्रविड शैली में 170 फीट ऊँचा है। देश के विभिन्न राज्यों के अलावा तिब्बत, नेपाल, चीन, जापान, म्यांमार, कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों से करीब 2 लाख बौद्ध धर्मावलंबी कालचक्र पूजा में आहूति देने के लिए ज्ञान की इस नगरी में उपस्थित होते हैं। गया या बोधगया स्थान का चयन इसलिए किया गया, क्योंकि यह देश की सबसे प्राचीन नगरी होने के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखती है। यहां पर ही प्राचीन भारत के बीज बोए गए थे। राजगीर और गया ऐसे स्थान हैं, जो कई बातों के लिए महत्व रखते हैं। दर्शनीय और आध्यात्मिक महत्व के अलावा यह स्थान प्राकृतिक छटा से पटा हुआ है।

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