नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने अपने तीनों वर्किंग प्रेसिडेंट के कामों का बंटवारा कर दिया है। हारून यूसुफ को ईस्ट एमसीडी, देवेंद्र यादव को साउथ एमसीडी और राजेश लिलोठिया को नॉर्थ एमसीडी की जिम्मेदारी दी है। पदभार संभालने के बाद लगातार दूसरे दिन भी शीला ऑफिस पहुंचीं। करीब दो घंटे ऑफिस में रहीं। हालांकि प्रदेश ऑफिस की तरफ से औपचारिक सूचना नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार कामों का बंटवारा हो गया है। वर्किंग प्रेसिडेंट में हारून यूसुफ सबसे सीनियर हैं। वो शीला के मंत्रिमंडल में भी रह चुके हैं। यही वजह है कि शीला ने उन पर ज्यादा भरोसा करते हुए ईस्ट एमसीडी के अलावा 4 विधानसभा की भी जिम्मेदारी दी है। उन्हें तीमारपुर, बुराड़ी, ओखला और जंगपुरा की जिम्मेदारी मिली है। महिला कांग्रेस, सेवा दल और एनएसयूआई का काम भी उन्हें सौंपा गया है। देवेंद्र यादव साउथ एमसीडी के साथ यूथ कांग्रेस का भी काम देखेंगे। राजेश लिलोठिया नॉर्थ एमसीडी के अलावा प्रदेश कांग्रेस के सभी सेल्स की जिम्मेदारी संभालेंगे।
देखने वाली बात यह होगी कि वर्किंग प्रेसिडेंट का जो चलन पहली बार आजमाया गया है, वह आने वाले समय में कितना कारगर होता है। तीनों वर्किंग प्रेसिडेंट किस तरह काम करते हैं और इसका रिजल्ट क्या रहता है। शीला ने 70 विधानसभा में से सिर्फ 4 विधानसभा ही वर्किंग प्रेसिडेंट को दी हैं। बाकी किसी विधानसभा का काम नहीं सौंपा जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि शीला खुद यहां के काम देखेंगी। सूत्रों का कहना है कि शीला के ऑफिस आने से कार्यकर्ताओं में भी जोश है। वो भी रोज ऑफिस पहुंच रहे हैं। शीला सभी से मुलाकात कर रही हैं। दिल्ली में ठंड की वजह से मरनेवालों के मामले में शीला ने कहा कि सरकार को इसे गंभीरता से लेनी चाहिए। उन्हें बेघरों के लिए पूरे इंतजाम करने चाहिए। हालांकि वो सीधे मुख्यमंत्री पर हमला करने से बचती नजर आईं। उन्होंने बिजली के रेट कम करने के मामले में पूछे गए सवाल को टाल दिया।