राष्ट्रीय

‘तीन तलाक’ की कानूनी वैधता की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट

एजेन्सी/  supreme-court-of-india_landscape_1458688113मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की कानून वैधता की जांच के लिए दायर याचिका स्‍वीकार कर ली। एक मुस्लिम महिला द्वारा दायर याचिका में मांग की गई ‌है कि तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक माना जाए, क्योंकि इसके जरिए मर्द महिलाओं के साथ गुलामों जैसा व्यवहार करते हैं। हालांकि कई मुस्लिम संगठन मुस्लिम पर्सनल लॉ की वैधता की जांच का विरोध कर रहे थे। 

शायरा बानो ने अपनी याचिका में कहा कि मुस्लिम महिलाओं को स्‍काइप, फेसबुक और एसएमएस के जरिए तलाक दिया गया है। महिलाओं के पास ऐसे मनमाने तलाक से बचने का कोई तरीका नहीं है। उत्तराखंड की शायरा बानो को विवाह के 13 वर्ष बाद उनके पति ने तलाक दे दिया था।

उन्होंने अपनी याच‌िका में कहा कि मनमाने किस्म की तीन तलाक प्रथा बहुत ही घिनौनी है, इससे महिलाएं असमानता और भेदभाव का शिकार होती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनकी याचिका स्वीकार कर ली।

 

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