तीन साल की उम्र में हुई शादी को जबरदस्ती थोपने पर लगी थी पंचायत, 20 लाख का लगाया जुर्माना, युवती ने खाया ज़हर
राजस्थान के जोधपुर में एक 22 साल की लड़की ने पुलिस स्टेशन में ही जहर खा लिया। अधिकारियों को मुताबिक जब वो लड़की सिर्फ 3 साल की थी तो उसके माता-पिता ने जीवराज नाम के लड़के से उसकी शादी तय कर दी थी। लड़की का नाम दिव्या है और वो शादी करना नहीं चाहती लेकिन जीवराज के माता-पिता और गांव की पंचायत उसपर दबाव डालते थे और अब तंग आकर उसने पुलिस स्टेशन में ही जहर खा लिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पिछले कई सालों से जीवराज का परिवार दिव्या पर शादी करने के लिए दबाव बना रहा था। जीवराज के परिवार वालों का ये कहना था कि दिव्या को अपने माता-पिता के वादे को निभाना चाहिए। दिव्या ने कुछ दिनों तक शादी को रोके रखा लेकिन बाद में तंग आकर उसने मना ही कर दिया। अब ऐसे में गांव की पंचायत ने दिव्या के परिवार पर 16 लाख का जुर्माना लगा दिया।
जोधपुर: भारत जितना आगे बढ़ रहा है उतना ही कुरीतियां और रूढ़िवादिता इसको पीछे खिंच रही है। भारत ने आपने पैर अंतरिक्ष्य यहाँ तक मंगल पर भी जमा दिए है लेकिन रूढ़िवादिता से कैसे बाहर निकले ये समझ नहीं आ रहा। राजस्थान के जोधपुर जिले में एक हैरान करने वाला वाकया सामने आया है। एक उच्च शिक्षित युवती पर एक ऐसे युवक से शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था, जिससे उसकी शादी 3 साल की उम्र में ही तय कर दी गई थी। इससे परेशान युवती ने जहर खा लिया। उसकी शादी सिर्फ तीन साल की उम्र में घर वालों ने तय कर दी थी। लड़की ने पढ़ाई की और सीए बन गई। अब वह अपने फैसले लेने को आजाद थी। उसने बचपन में हुई सगाई को ठुकरा दिया तो पंचों ने पंचायत बुलाकर परिवार को समाज से बहिष्कृत करने और लाखों का जुर्माना भरने का फरमान सुना दिया। इन सबसे परेशान 20 साल की युवती ने जहर खा लिया। हालांकि उसकी जान बच गई और अब वह ठीक है। यह घटना राजस्थान के जोधपुर जिले की है। शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने मदद नहीं की तो पीड़िता दिव्या चौधरी ने थाने में जाकर जहर खाकर जान देने की कोशिश की। अस्पताल में भर्ती पीड़ित लड़की अब खतरे से बाहर है। उसने पंचायत में शामिल 5 लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। दिव्या ने अपनी शिकायत में लिखा है कि पंचायत को 16 लाख रुपए देने के बाद भी जीवराज का परिवार उसे परेशान करता रहा और शादी का दबाव बढ़ाता रहा। ऐसे में तंग आकर वो कई बार पुलिस के पास गई और बीते गुरूवार को पुलिस ने जीवराज के परिवार और पंचायत के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली। पुलिस शिकायत से चिढ़कर पंचायत ने एक बार फिर दिव्या के परिवार संग ज्यादती की और उनपर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। सिर्फ इतना ही नहीं पंचायत ने फरमान सुनाया कि दिव्या और उसका परिवार सभी से माफी मांगे वरना उनका गांव में हुक्का-पानी बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में रविवार को गांव में पंचायत होने से पहले ही दिव्या पुलिस स्टेशन पहुंच गई। वहां उसने अपने परिवार और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जहर खा लिया। दिव्या ने कहा, ‘‘मैं इतनी डर गई थी कि मैंने अपने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। अपना करियर बनाने की मेरी उम्मीदें धराशायी हो गईं। पंचायत के हस्तक्षेप करने के बाद मुझे कोई उम्मीद नहीं दिखाई पड़ी।’’ पंचों ने युवती से पुलिस में की शिकायत को वापस लेने तथा इसके बाद और जुर्माना लगाने का आदेश दिया था। पंचों के आदेश से युवती दिव्या चौधरी इतनी परेशान हुई कि उसने जोधपुर जिले के बनाड़ थाने में पुलिस के सामने ही जहर खा लिया। युवती को गंभीर हालत में स्थानीय एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस कर रही मामले की जांच कर रही है। डीसीपी (पूर्व) अमनदीप सिंह ने बताया कि मामले की जांच एससी-एसटी सेल के डीएसपी रैंक के एक अधिकारी नारायण सिंह को सौंप दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि सरपंच, जोधपुर के मौजूदा जिला प्रमुख के पिता समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि मामले में पुलिस की कथित लापरवाही का भी संज्ञान लिया गया है। जोधपुर पुलिस कमिश्नर आलोक वशिष्ठ ने इस मामले में जांच अधिकारी को बदलते हुए इन्वेस्टिगेशन एसीपी नारायण सिंह को दे दी है और मामले की मॉनिटरिंग खुद करेंगे। सामाजिक दबावों के बावजूद दिव्या हाल में सर्टिफाइड चार्टर्ड एकाउन्टेंट बनी थी। आरोपियों की सूची में गांव के सरपंच और जिला प्रमुख के पिता प्रभुराम ढ़ोचक भी शामिल हैं। जोधपुर के जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी का कहना है कि पंचायत में उनके पिता अकेले नहीं थे, 50 लोग और भी थे और वे सब लड़की और लड़के घरवालों का काउंसलिंग कर रहे थे कि वे आपस में झगड़ा नहीं करें। जिले के नैणों की ढाणी शिकारगढ़ निवासी पूराराम चौधरी ने अपनी बेटी दिव्या चौधरी की सगाई पाल रोड, थोरियों की ढाणी निवासी बंशीलाल के पुत्र जीवराज के साथ तब ही तय कर दी थी, जब उनके बेटी की उम्र महज तीन साल थी। पिछले चार माह से युवती व उसके परिवार पर पंचों तथा युवक के परिवार की ओर से शादी का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन पीड़िता दिव्या चौधरी पढ़ने में काफी ठीक और मेहनती थी। वह तीन महीने पहले ही सीए बनी है, इसलिए अच्छे करियर के लिए घर से बाहर निकलना चाहती थी।