तीन साल बाद मिला तेजाब कांड की पीड़िता को इंसाफ, सुप्रीम कोर्ट ने कहा 10 लाख रूपए का दो मुआवजा
पटना. बिहार वर्ष 2012 के अक्टूबर में तेजाब कांड का शिकार हुई मनेर की एक लड़की को तीन साल के लंबे अंतराल के बाद इंसाफ मिलता दिख रहा है. तेजाब कांड की शिकार हुई दलित लड़की चंचल को करीब तीन साल बाद बड़ी राहत मिली है.
सुप्रीम कोर्ट से चचंल के पक्ष में फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में चंचल को 10 लाख रूपये देने का निर्देश दिया है. दरअसल ये घटना 2012 के अक्टूबर की है. मनेर के छितनावां गांव निवासी शैलेश पासवान की दो बेटी चंचल और सोनम अपने घर की छत पर सोई हुई थीं, तभी तीन लड़कों ने घर में घुसकर उसके ऊपर तेजाब डाल दिया था.
इस घटना में चंचल बुरी तरह झुलस गई थी और छोटी बहन सोनम भी मामूली रूप से झुलस गई थी. घटना के बाद हालांकि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया गया था, पर दोनों बहन और उनका पूरा परिवार मुआवजे को लेकर आज तक संघर्ष कर रहा था.
दोनों बहनों की परेशानी को देखकर एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में मदद के लिए एक अपील दायर की थी. एनजीओ की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ये फैसला दिया कि तेजाब पीड़ित लड़की को 10 लाख रूपए की राशि मुआवजे के तौर पर दिया जाय