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तीसरी लहर के दौर में ब्रिटेन, हर 540 मरीजों में एक डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित

नई दिल्ली: टीकाकरण और प्रतिरक्षण पर संयुक्त समिति (जेसीवीआई) के सलाहकार प्रोफेसर एडम फिन का कहना है कि ब्रिटेन में इस समय टीकों और कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है। उन्होंने शनिवार को कहा कि कोरोना के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट के चलते ब्रिटेन में कोराना संक्रमण की तीसरी लहर जारी है। बता दें कि डेल्टा स्वरूप की पहचान सबसे पहले भारत में की गई थी।

ब्रिटेन में धीमी गति से ही सही लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करते हुए प्रो. फिन ने कहा, ‘यह फैलता जा रहा है, शायद हम कुछ आशावादी हो सकते हैं कि यह तेजी से नहीं फैल रहा है, लेकिन फिर भी यह फैल रहा है। इस तरह, निश्चित तौर पर तीसरी लहर जारी है।’ इस बीच, डेल्टा वेरिएंट के प्रसार का पता लगाने के लिए दक्षिण लंदन सहित इंग्लैंड के अन्य हिस्सों में जांच बढ़ा दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘हम इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि टीकाकरण कार्यक्रम, खासतौर पर बुजुर्गों को दूसरी खुराक देने और डेल्टा वेरिएंट की तीसरी लहर के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है। जितनी जल्दी बुजुर्गों को दूसरी खुराक दे देंगे, इस बार अस्पताल में उतनी कम संख्या में लोगों को भर्ती होते देखेंगे।’ राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार हर 540 संक्रमितों में एक मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित है।

टीकाकरण कर सकता है मदद
डेल्टा वेरिएंट देश में अब सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस स्ट्रेन बन गया है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक टीके की एक खुराक किसी के संक्रमित होने और अस्पताल में इलाज कराने की की संभावना, यहां तक कि डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने की स्थिति में भी, 75 फीसदी घटा देती है। दोनों खुराक ले चुके लोगों के संक्रमित होने और भर्ती होने की संभावना 90 फीसदी से अधिक घट जाती है।

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